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संस्कृति मंत्रालय के एनजीएमए में एयर इंडिया की कलाकृतियों का बहुमूल्य संग्रह ‘महाराजा कलेक्शन’ को रखा जाएगा

एनजीएमए को कलाकृतियां सौंपने के लिए आज समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए

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• संग्रह सौंपे जाने के लिए आयोजित समारोह में केंद्रीय नागरिक उड्डयनइस्पात मंत्री श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और केंद्रीय संस्कृतिपर्यटन और उत्तरपूर्व क्षेत्र विकास मंत्री श्री जी. किशन रेड्डी ने भाग लिया।

• एयर इंडिया कलेक्शन की आधुनिक और समकालीन कलाकृतियों में बीप्रभाशंकर पलसीकरलक्ष्मण पईवासुदेव गायतोंडेएमएफहुसैनअर्पणा कौर आदि के दर्जे के कलाकारों द्वारा अधिग्रहीत और कमीशन की गई कृतियां शामिल हैं।

संस्कृति मंत्रालय की राष्ट्रीय आधुनिक कला दीर्घा में एयर इंडिया की कलाकृतियों का बहुमूल्य संग्रह ‘महाराजा संग्रह’ को रखा जाएगा। एनजीएमए परिसर में एनजीएमए को कलाकृतियां सौंपने के लिए आज नई दिल्ली में एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए जाने हेतु आयोजित कार्यक्रम में केंद्रीय नागरिक उड्डयन, इस्पात मंत्री श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और केंद्रीय संस्कृति मंत्री श्री जी. किशन रेड्डी ने भाग लिया। संस्कृति मंत्रालय की संयुक्त सचिव श्रीमती मुग्धा सिन्हा और नागरिक उड्डयन मंत्रालय के संयुक्त सचिव श्री सत्येंद्र कुमार मिश्रा ने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। एनजीएमए की निदेशक श्रीमती तेमसुनारो त्रिपाठी, एयर इंडिया एसेट होल्डिंग लिमिटेड (एआईएएचएल) के सीएमडी श्री विक्रम देव दत्त और एयर इंडिया लिमिटेड की प्रतिनिधि सुश्री कल्पना राव, नागर विमानन सचिव श्री राजीव बंसल एवं संस्कृति सचिव श्री गोविन्द मोहन भी इस अवसर पर उपस्थित थे।

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इस अवसर पर अपने संबोधन में केंद्रीय नागरिक उड्डयन और इस्पात मंत्री श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि भारत का पांच हजार साल पुराना इतिहास है, जो आध्यात्मिक शक्तियों और नैतिक मूल्यों द्वारा पोषित है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री न केवल भारत के एक आर्थिक शक्ति बनने बल्कि वैश्विक मंच पर सांस्कृतिक पुनरुत्थान पर भी जोर देते रहे हैं।

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उन्होंने विश्वास व्यक्त करते हुए कहा कि एयर इंडिया के कलाकार और कला संग्रह दुनिया भर में भारतीय संस्कृति के बारे में जागरूकता फैलाएंगे। कला संग्रह में जतिन दास, अंजलि इला मेनन, एम.एफ. हुसैन और राधाजी जैसे प्रतिष्ठित कलाकारों की पेंटिंग शामिल हैं। श्री सिंधिया ने सुझाव दिया कि कलाकृतियों की प्रदर्शनी केवल दिल्ली तक ही सीमित नहीं होनी चाहिए, बल्कि भारतीय समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और सॉफ्ट पावर को दुनिया भर में प्रदर्शित करने के साथ-साथ देश के विभिन्न हिस्सों में भी प्रदर्शित की जानी चाहिए।

श्री सिंधिया ने कहा कि एयर इंडिया अपनी तरह की अग्रणी कंपनी रही है। वे न केवल भारत की क्षमताओं का प्रदर्शन करते हुए भारतीय ध्वज को आकाश में ऊंचा फहरा सकते हैं, बल्कि भारतीय विरासत और संस्कृति के राजदूत के रूप में भी काम करते हैं। उन्होंने जेआरडी टाटा की आगे की सोच और अग्रणी होने के लिए उनकी सराहना की। उन्होंने कहा कि एनजीएमए को सौंपे जा रहे शोपीस में न केवल आधुनिक कला कृतियां शामिल हैं, बल्कि उत्कृष्ट हथकरघा, मूर्तियां और अन्य कलाकृतियां भी हैं।

इस अवसर पर संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री श्री जी. किशन रेड्डी ने कहा कि ऐतिहासिक समझौता ज्ञापन के माध्यम से 1953 से एयर इंडिया के बेशकीमती कलाकृतियों का संग्रह संस्कृति मंत्रालय के एनजीएमए को हस्तांतरित किया जा रहा है। श्री जी. किशन रेड्डी ने कहा कि पेंटिंग, कलाकृतियों को अब अपना सही स्थान यानी नेशनल गैलरी ऑफ मॉडर्न आर्ट्स मिलेगा। श्री किशन रेड्डी ने बताया कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के विजन के तहत संस्कृति मंत्रालय अपनी संस्कृति को संरक्षित करने और इसे लोगों के सामने लाने और युवाओं के साथ अपना जुड़ाव स्थापित करने के लिए सभी प्रयास कर रहा है। उन्होंने कहा कि संस्कृति मंत्रालय प्रधानमंत्री के विजन ‘विकास भी विरासत भी’ के अनुरूप लगातार काम कर रहा है। उन्होंने दोहराते हुए कहा कि एयर इंडिया और नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने इन मूल्यवान कलाकृतियों को संरक्षित और सुरक्षित करने के लिए कड़ी मेहनत की है, इसलिए मैं वादा करता हूं कि आने वाली पीढ़ियों के लिए हम इन कलाकृतियों को संरक्षित रखेंगे। उन्होंने यह भी खुलासा किया कि संग्रह जल्द ही आने वाले समय में कला-प्रेमियों के सामने प्रदर्शित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह अभिनव डिजिटल इंटरफेस के माध्यम से विदेशों में दर्शकों के लिए भी खोला जाएगा। उन्होंने एनजीएमए के कला खजाने में बहुमूल्य योगदान के लिए नागरिक उड्डयन मंत्रालय और एयर इंडिया को धन्यवाद दिया।

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एक वाणिज्यिक एयरलाइन के रूप में संचालन के अस्सी वर्षों से अधिक की एयर इंडिया की व्यापक यात्रा के दौरान, एयर इंडिया ने पेंटिंग, मूर्तियां, लकड़ी की नक्काशी, ग्लास पेंटिंग, सजावटी सामान, टैक्सटाइल आर्ट, तस्वीरों सहित दुनिया भर से बड़ी संख्या में मूल्यवान कलाकृतियों और अन्य वस्तुओं का अधिग्रहण और संग्रह किया था। ये कला वस्तुएं एनजीएमए के संग्रह का हिस्सा होंगी।

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संस्कृति मंत्रालय द्वारा अमूल्य संग्रह के अधिग्रहण का निर्णय और मुंबई में नरीमन पॉइंट पर एयर इंडिया बिल्डिंग से संग्रह को राष्ट्रीय आधुनिक कला दीर्घा में स्थानांतरित करने का निर्णय ऐतिहासिक महत्व का है।

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एयर इंडिया संग्रह की आधुनिक और समकालीन कलाकृतियों में बी. प्रभा, शंकर पलसीकर, लक्ष्मण पई, वासुदेव गायतोंडे, एम. एफ. हुसैन, एस. एच. रजा, के. एच. आरा कैसे प्रतिष्ठित कलाकारों और हरि अंबादास गाडे जैसे प्रगतिशील कला आंदोलन के अन्य संस्थापक कलाकारों के अधिग्रहीत और कमीशन की गई कलाकृतियां शामिल हैं। इसमें अंजोली एला मेनन और जतिन दास जैसे आर्ट ऑफ लिविंग लेजेंड्स की कलाकृतियां भी शामिल हैं, जो एनजीएमए संग्रह को और भी अधिक विस्तार करेंगी।

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एनजीएमए के बारे में

एनजीएमए ने 1850 के बाद से कला के कार्यों का अधिग्रहण और संरक्षण किया है, एनजीएमए का कला संग्रह विशाल और उदार है। इसके भीतर 18,000 कलाकृतियां (लगभग) एक समृद्ध और गौरवशाली अतीत को दर्शाने के साथ-साथ वे वर्तमान को धन्यवाद देती हैं। इसके खजाने में मिनिएचर पेंटिंग से लेकर आधुनिकतावादी कलाकृतियों और आधुनिक समकालीन कलाकृतियां शामिल हैं।