श्री पीयूष गोयल 13वें भारत-अमेरिका व्यापार नीति फोरम में हिस्सा लेने के लिए 9 से 11 जनवरी, 2023 तक न्यूयॉर्क और वाशिंगटन डीसी का दौरा करेंगे
श्री गोयल यूएसटीआर राजदूत कैथरीन ताई से भी मिलेंगे और अमेरिकी वाणिज्य मंत्री जीना रायमोंडो के साथ द्विपक्षीय बैठक करेंगे
श्री गोयल न्यूयॉर्क में सीईओ, उद्योगपतियों, थिंक टैंक के साथ परस्पर बातचीत करेंगे और उद्योगों का दौरा करेंगे
इस दौरे से दोनों देशों के बीच व्यापार और निवेश संबंधों को बढ़ावा मिलेगा
केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल भारत-अमेरिकी व्यापार नीति फोरम में हिस्सा लेने के लिए 9 से 11 जनवरी, 2023 तक न्यूयॉर्क और वाशिंगटन डीसी की आधिकारिक यात्रा पर रहेंगे।
यात्रा के पहले चरण में, श्री गोयल विख्यात बहुराष्ट्रीय उद्यमों के सीईओ के साथ परस्पर बातचीत करेंगे, सामुदायिक कार्यक्रम में भाग लेंगे, उद्योगपतियों और थिंक टैंक के साथ गोलमेज बैठकों में शामिल होंगे और न्यूयॉर्क में उद्योगों का दौरा करेंगे।
वह 11 जनवरी, 2023 को वाशिंगटन डीसी में 13वीं व्यापार नीति फोरम (टीपीएफ) की बैठक में हिस्सा लेंगे। प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता से पहले वह यूएसटीआर राजदूत कैथरीन ताई के साथ आमने-सामने की बैठक भी करेंगे।
12वीं टीपीएफ मंत्रालयी बैठक चार साल के अंतराल के बाद 23 नवंबर 2021 को नई दिल्ली में आयोजित हुई थी। पिछली मंत्रालयी बैठक के बाद कार्यकारी समूहों को फिर से क्रियाशील किया गया। टीपीएफ व्यापार के क्षेत्र में दो देशों के बीच निरंतर सहयोग और दोनों देशों के बीच व्यापार एवं निवेश संबंधों को आगे बढ़ाने का एक मंच है। दोनों देश बैठक की प्रतीक्षा कर रहे हैं और व्यापार के मुद्दों पर प्रगति करने के प्रति आश्वस्त हैं। टीपीएफ की अध्यक्षता भारत की ओर से वाणिज्य और उद्योग मंत्री और अमरीका की ओर से यूएसटीआर द्वारा की जाती है।
वाशिंगटन डीसी में, वह अमेरिकी वाणिज्य मंत्री जीना रायमोंडो के साथ द्विपक्षीय बैठक भी करेंगे। कुछ उद्योगपतियों के साथ भी उनकी परस्पर बातचीत होगी।
भारत और अमरीका दोनों स्वाभाविक साझेदार हैं और दोनों के बीच व्यापार पूरकताएं हैं, लंबे समय से रणनीतिक और आर्थिक संबंध हैं, लोगों से लोगों का संपर्क है, और दोनों गतिशील लोकतंत्र भी हैं। दोनों देश क्वाड, आई2यू2 (भारत-इजरायल/यूएई-यूएसए) और आईपीईएफ (इंडो-पैसिफिक इकोनॉमिक फ्रेमवर्क) के तहत भी सहयोग कर रहे हैं। नेतृत्व स्तर पर नियमित आदान-प्रदान विस्तारित द्विपक्षीय संबंधों का एक अभिन्न अंग रहा है। इन दौरों से उभरे परिणाम दोनों देशों के बीच बहुआयामी संबंधों को और मजबूत करने में मददगार रहे हैं।