नई दिल्ली, 9 जनवरी। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को एक एंबेसडर कॉन्क्लेव में कहा कि ‘मेक इन इंडिया’ की दिशा में भारत के राष्ट्रीय प्रयास न तो अलगाववादी हैं और न ही देश तक सीमित हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि भारत एक पदानुक्रमित विश्व व्यवस्था में विश्वास नहीं करता है जिसमें कुछ देशों को दूसरों से श्रेष्ठ माना जाता है।
मंत्री ने एशिया की सबसे बड़ी एयरोस्पेस प्रदर्शनी के रूप में प्रस्तुत आगामी एयरो इंडिया पर राजदूतों को संक्षिप्त जानकारी देने के लिए आयोजित एक सम्मेलन में कहा, “मानवीय समानता और गरिमा का सार भारत के अंतरराष्ट्रीय संबंधों का मार्गदर्शन करता है।” अगले महीने बेंगलुरु में आयोजित किया जाएगा।
सिंह ने कहा, “हम ग्राहक या उपग्रह राज्य बनाने या बनने में विश्वास नहीं करते हैं, और इसलिए, जब हम किसी भी देश के साथ साझेदारी करते हैं, तो यह संप्रभु समानता और पारस्परिक सम्मान के आधार पर होता है।” रक्षा मंत्री के अनुसार, भारत की आत्मनिर्भरता की पहल अपने साथी देशों के साथ साझेदारी के एक नए प्रतिमान की शुरुआत करती है।
उन्होंने कहा, ‘मेक इन इंडिया’ की दिशा में हमारे राष्ट्रीय प्रयास न तो अलगाववादी हैं और न ही वे केवल भारत के लिए हैं।