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भारत माता के प्रति उत्तराखंड की भूमि और वहां के वासियों ने महान योगदान किया है- राष्ट्रपति मुर्मू

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देहरादून, 9दिसंबर। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने देहरादून में अपने सम्मान में आयोजित नागरिक अभिनन्दन समारोह में शिरकत की। यह अभिनन्दन समारोह आज सायंकाल (आठ दिसंबर, 2022) को आयोजित किया गया। इस अवसर पर राष्ट्रपति ने वर्चुअल माध्यम से स्वास्थ्य-सुविधा, बिजली उत्पादन और आपूर्ति, तकनीकी शिक्षा तथा यातायात सम्बंधी अनेक परियोजनाओं का उद्घाटन/शिलान्यास किया।

उपस्थितजनों को सम्बोधित करते हुये राष्ट्रपति ने कहा कि भारत माता के प्रति उत्तराखंड की भूमि और वहां के वासियों ने महान योगदान किया है। उत्तराखंड अनेक नदियों का उद्गम है, जिसने देश के विशाल भू-भाग को सिंचित और विकसित किया है। हिमालय और उत्तराखंड हर भारतीय के हृदय और आत्मा में बसते हैं। हमारे ऋषि-मुनि ज्ञान की खोज में यहां की कंदराओं में तपस्या करते रहे हैं। यह राज्य आध्यात्मिक शांति और शारीरिक आरोग्य का स्रोत रहा है।

राष्ट्रपति ने उल्लेख किया कि उत्तराखंड में प्राकृतिक उपचार के अनेक प्रसिद्ध केंद्र मौजूद हैं, जहां देश-विदेश से बड़ी संख्या में लोग आते हैं तथा स्वास्थ्य लाभ करते हैं। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में ‘प्रकृति पर्यटन,’ ‘साहसिक पर्यटन’ के साथ-साथ ‘चिकित्सा पर्यटन’ की अपार संभावनायें हैं। उन्हें यह जानकर हर्ष हुआ कि उत्तराखंड आधुनिक औषधि और आयुर्वेद के क्षेत्र में नये संस्थानों की प्रतिस्थापना कर रहा है।

भारत की रक्षा में उत्तराखंड के वीर सैनिकों के योगदान का स्मरण करते हुये राष्ट्रपति ने कहा कि देशवासियों की तरफ से वे उत्तराखंड के वीर सपूतों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करती हैं।

राष्ट्रपति ने कहा कि उत्तराखंड सहित पूरी हिमालय भूमि अनन्त काल से शक्ति-उपासना का केंद्र रही है। यही आन और शक्ति रानी कर्णावती जैसी वीरांगना, गौरा देवी जैसी वन संरक्षक और माउंट एवरेस्ट पर तिरंगा लहराने वाली प्रथम महिला पर्वतारोही बछेन्द्री पाल की जीवन-गाथा में मिलती है। राष्ट्रपति ने इस बात पर खुशी व्यक्त की कि उत्तराखंड की अन्य बेटियां भी प्रगति-पथ पर इसी तरह आगे बढ़ रही हैं।

राष्ट्रपति ने कहा कि हम सभी आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं। यह हमारा कर्तव्य है कि हम सभी जाने-माने और गुमनाम स्वतंत्रता सेनानियों को याद करें। उन्होंने बिष्नी देवी शाह, वीर चंद्र सिंह गढ़वाली, श्री देव सुमन, केसरी चंद, इंद्रमणि बडोनी और श्री गोविन्द वल्लभ पंत के योगदानों को स्मरण किया। उन्होंने कहा कि ऐसे प्रयास किये जायें कि देशभर के युवा उत्तराखंड की इन हस्तियों के योगदानों से परिचित हो सकें।

युवा पीढ़ी के संदर्भ में, राष्ट्रपति ने लक्ष्य सेन का उल्लेख किया, जिन्हें हाल में अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। उनके विषय में राष्ट्रपति ने कहा कि अपने-अपने क्षेत्रों में उत्कृष्टता प्राप्त करने के सम्बंध में 21 वर्षीय लक्ष्य सेन ने पूरे देश के युवाओं के लिये एक आदर्श स्थापित किया है।

राष्ट्रपति ने कहा कि उन्हें स्वास्थ्य-सुविधा, बिजली उत्पादन और आपूर्ति, तकनीकी शिक्षा तथा यातायात सम्बंधी अनेक परियोजनाओं का उद्घाटन/शिलान्यास करते हुये प्रसन्नता हो रही है। उन्होंने इन पहलों के लिये केंद्र और राज्य सरकार की सराहना की और भरोसा जताया कि इन परियोजनाओं से राज्य में नागरिक सुविधाओं में बढ़ोतरी होगी। उन्होंने उत्तराखंड वासियों की प्रशंसा करते हुये कहा कि राज्य के परिश्रमी और प्रतिभाशाली लोगों ने उत्तराखंड की विकास-यात्रा में महत्त्वपूर्ण योगदान किया है।