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वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) की उप-समिति ने ग्रेप के तहत कार्रवाइयों को शुरू करने के लिए एक समीक्षा बैठक की

पूरे एनसीआर में तत्काल प्रभाव से ग्रेप के तीसरे चरण को वापस लिया गया

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प्रमुख बिंदु

  • दिल्ली- एनसीआर की वायु गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार को देखते हुए बैठक आयोजित की गई
  • दिल्ली में समग्र वायु गुणवत्ता में सुधार होने की उम्मीद है और आने वाले दिनों में यह ‘खराब’ से ‘बहुत खराब श्रेणी’ के बीच रह सकती है
  • निर्माण और विध्वंस परियोजना स्थल और औद्योगिक इकाइयां, जिन्हें बंद करने के विशिष्ट आदेश जारी किए गए हैं, आयोग की ओर से जारी विशेष आदेशों के बिना अपना परिचालन फिर से शुरू नहीं करेंगे
  • चरण-I के साथ-साथ चरण-II के तहत परिकल्पित सभी कार्रवाइयां जारी रहेंगी

 

एनसीआर (राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र) और इसके आस-पास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) की ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रेप) के तहत कार्रवाई शुरू करने के लिए उप-समिति ने आज एक बैठक की। यह बैठक 4 दिसंबर, 2022 को ग्रेप के स्तर- III को लागू किए जाने के बाद की स्थिति की समीक्षा करने और समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक (एएक्यूआई) में 100 अंकों से अधिक की गिरावट के साथ पिछले कुछ दिनों में दिल्ली की समग्र वायु गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार के मद्देनजर उचित निर्णय लेने के लिए बुलाई गई थी।

इस बैठक में आयोग ने दिल्ली- एनसीआर के समग्र वायु गुणवत्ता मानकों की व्यापक समीक्षा की। आयोग ने बताया कि आईएमडी/आईआईटीएम द्वारा जारी पूर्वानुमान के अनुसार दिल्ली का समग्र एक्यूआई अगले कुछ दिनों में “गंभीर” श्रेणी में जाने का संकेत नहीं दे रहा है और इसके ‘खराब’ से ‘बहुत खराब’ श्रेणी के बीच उतार-चढ़ाव की संभावना है। यह सलाह दी जाती है कि पूरे एनसीआर में प्रतिबंधों में ढील दी जाए और ग्रेप के चरण-III को तत्काल प्रभाव से वापस लिया जाए।

ग्रेप की उप- समिति ने अपनी पिछली बैठकों 05.10.2022, 19.10.2022, 29.10.2022 और 03.11.2022 को पूरे एनसीआर में ग्रेप के चरण- I, चरण- II, चरण- III और चरण- IV के तहत कार्रवाई की थी। इसके अलावा उप-समिति ने 06.11.2022 की अपनी समीक्षा बैठक में ग्रेप के चरण- IV (‘गंभीर +’ वायु गुणवत्ता) के तहत कार्रवाई को रद्द कर दिया। वहीं, दिल्ली की वायु गुणवत्ता में सुधार और बाद के दिनों के एक्यूआई पूर्वानुमानों पर विचार करने के बाद 14.11.2022 को ग्रेप के चरण- III (‘गंभीर’ वायु गुणवत्ता) को रद्द कर दिया था। हालांकि, दिल्ली के समग्र एक्यूआई में अचानक बढ़ोतरी के बाद 04.12.2022 को पूरे दिल्ली- एनसीआर में ग्रेप के चरण- III को फिर से लागू किया गया।

उप-समिति ने आज की अपनी बैठक में क्षेत्र में वायु गुणवत्ता परिदृश्य के साथ-साथ मौसम संबंधी स्थितियों और दिल्ली के वायु गुणवत्ता सूचकांक के लिए आईएमडी/आईआईटीएम पूर्वानुमानों की व्यापक समीक्षा की और इस संबंध में निम्नलिखित निष्कर्षों को सामने रखा:

  • दिल्ली का समग्र एक्यूआई 04.12.2022 को 407 दर्ज करने के साथ इसमें निरंतर सुधार होता जा रहा है। यह 05.12.2022 को 347, 06.12.2022 को 353, और आज 304 दर्ज किया गया। ये ग्रेप चरण-III की कार्रवाइयों (दिल्ली एक्यूआई 401-450) को लागू करने के लिए निर्धारित सीमा से कम है। इसके अलावा औसत एक्यूआई में भी अनुकूल सुधार के साथ सूचकांक में गिरावट का रुख दिख रहा है। वहीं, चरण-II तक सभी चरणों के लिए निर्धारित निवारक/कम करने/प्रतिबंधात्मक कार्रवाई पहले से ही चल रही हैं और आईएमडी/आईआईटीएम के पूर्वानुमान भी अगले कुछ दिनों में एक्यूआई के ‘गंभीर’ श्रेणी में जाने के संकेत नहीं देते हैं।

इसके साथ ही, ग्रेप के चरण-I से चरण-II के तहत की जाने वाली कार्रवाइयां लागू रहेंगी। पूरे एनसीआर में सभी संबंधित एजेंसियों द्वारा इन्हें लागू व तेज किया जाएगा और इनकी निगरानी व समीक्षा की जाएंगी, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि एक्यूआई का स्तर आगे ‘गंभीर’ श्रेणी में न आ जाए। सभी कार्यान्वयन एजेंसियां इन पर ​​सख्त निगरानी रखेंगी और विशेष रूप से ग्रेप के चरण- I और II के तहत निर्धारित उपायों को तेज करेंगी। इनमें निम्नलिखित शामिल हैं:

  • दैनिक आधार पर सड़कों की यांत्रिक/वैक्यूम आधारित सफाई की जाए।
  • विशेष रूप से हॉटस्पॉट, भारी यातायात गलियारों, संवेदनशील क्षेत्रों (अत्यधिक भीड़ से पहले) में सड़क की धूल को नियंत्रित करने के लिए सड़कों पर नियमित रूप से धूल को कम करने के साथ जल का छिड़काव सुनिश्चित करें। इसके साथ ही निर्दिष्ट स्थलों/लैंडफिल में एकत्रित धूल का उचित निपटान करें।
  • निर्माण और विध्वंस (सीएंडडी) स्थलों पर धूल नियंत्रण उपायों का नियमित निरीक्षण और सख्त प्रवर्तन और धूल-रोधी बंदूकों के उपयोग पर दिशा-निर्देश लागू करना।
  • होटल, रेस्तरां और खुले भोजनालयों में तंदूर सहित कोयला/जलाऊ लकड़ी की अनुमति न दें।
  • यह सुनिश्चित करें कि होटल, रेस्तरां और खुले भोजनालय केवल बिजली/स्वच्छ ईंधन गैस आधारित उपकरणों का उपयोग करें।
  • निजी परिवहन को हतोत्साहित करने के लिए पार्किंग शुल्क में बढ़ोतरी की जाए।
  • आपातकालीन और आवश्यक सेवाओं को छोड़कर डीजी सेटों का विनियमित उपयोग किया जाए।

निर्माण व विध्वंस परियोजना स्थल और औद्योगिक इकाइयां, जिन्हें विभिन्न वैधानिक निर्देशों, नियमों, दिशानिर्देशों आदि के उल्लंघन/गैर-अनुपालन के कारण बंद करने के विशिष्ट आदेश जारी किए गए हैं, आयोग की ओर से इस संबंध में जारी विशेष आदेश के बिना किसी भी परिस्थिति में अपना परिचालन फिर से शुरू नहीं करेंगे।

इसके अलावा आयोग ने एक बार फिर एनसीआर के नागरिकों से अपील की है कि वे ग्रेप को लागू करने में अपना सहयोग करें और इसके नागरिक राजपत्र (चार्टर) में उल्लिखित कदमों का अनुपालन करें।

नागरिकों को सलाह दी जाती है कि:

  • सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करें और निजी वाहनों का उपयोग कम से कम करें।
  • अपने ऑटोमोबिल में एयर फिल्टर को अनुशंसित अवधि पर नियमित रूप से बदलें।
  • धूल उत्पन्न करने वाली निर्माण गतिविधियों से बचें।

ग्रेप और एनसीआर व डीपीसीसी के प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों (पीसीबी) के तहत उपायों को लागू करने के लिए जिम्मेदार विभिन्न एजेंसियों को भी सलाह दी गई है कि एनसीआर में ग्रेप के अधीन चरण- I और- चरण II की कार्रवाइयों का सख्ती से कार्यान्वयन सुनिश्चित करें।

इसके अलावा आयोग स्थिति पर नजदीकी से अपनी नजर रख रहा है और इसके अनुसार वायु गुणवत्ता परिदृश्य की समीक्षा करेगा। आयोग की आधिकारिक वेबसाइट caqm.nic.in पर ग्रेप की संशोधित सूची उपलब्ध है।