गुस्ताखी माफ़ हरियाणा।
पवन कुमार बंसल।
*गुरुग्राम के आयकर आयुक्त के ध्यानार्थ।
हरियाणा के चीफ मिनिस्टर मनोहर लाल के ओ एस डी रहे और अब भी उनकी नाक के बाल जवाहर यादव के मित्र मंडल ने उनके आग्रह पर न्यू पालम विहार फेज़ १ ,२ सेक्टर १०९,११० ,और ११२ को जोड़ने वाली सड़क की रिपेयर के लिए निजी कोष से सात लाख रुपए उपलब्ध करवाए। जवाहर यादव ने रिपेयर के काम का शिलान्यास किया और निवासियों ने यादव का धन्यवाद किया।
सोशल मीडिया पर यह खबर पढ़कर मेरे कान लेब्राडोर कुत्ते की तरह खड़े हो गए और निम्न बिन्दु उभर कर आए।
जवाहर यादव की मित्र मंडल ने सात लाख चेक से दिए या नकद दिए। नंबर एक के दिए या नंबर दो के दिए।
आयकर विभाग को इसकी जाँच करनी चाहिए।
दूसरे जब जवाहर यादव के मित्र मंडल इतने साधन सम्पन है तो जवाहर यादव कितने बड़े धन्ना सेठ होंगे इसका अंदाज सहज लगाया जा सकता है।
जब तत्कालीन गृहमंत्री सम्पत सिंह ने हिसार के तत्कालीन आयुक्त के सी शर्मा को कुछ ऐसा कहा।
वकीलों द्वारा , फायरब्रांड आई ए एस अफसर अशोक खेमका की कुछ टिप्पणियों के खिलाफ नाराजगी का मामला चर्चा में आया तो करीब पैंतीस साल पुराना किस्सा याद आया। सम्पत सिंह गृह मंत्री, जनाब के सी शर्मा हिसार के आयुक्त और लेखक चंडीगढ़ में जनसत्ता अखबार का संवाददाता। शर्मा जी की कुछ टिप्णियों से आहात वकीलों ने हड़ताल कर दी थी।
में चंडीगढ़ में हरियाणा सचिवालय में सम्पत सिंह के पास बैठा चाय पी रहा था कि जनाब शर्मा साहिब भी आ गए। शर्मा जी ने सम्पत सिंह को सफाई देते हुए कहा कि सर मैंने कोई विवादास्पद बात नहीं कही। सम्पत सिंह ने जवाब दिया ” शर्मा जी आप ने नहीं कहा होगा -लेकिन आप कह सकते हो। ”
सम्पत सिंह की बात गलत नहीं थी। शर्मा जी तो आखिर शर्मा जी ठहरे। सूर्य कवि दादा लख्मीचंद के प्रशंसक थे और उनकी रागनियों का बहुत प्रचार किया। कलाकार ज्योति जयपुरी को भी काफी प्रोत्साहित किया। कला और संगीत प्रेमी जो ठहरे। उनके इतने किस्से है की पूरी किताब लिखी जा सकती है।