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“हमारा लक्ष्य एक बड़ा बाजार बनना है जहां फिल्में बनाई और बेची जा सकें” :अनुराग सिंह ठाकुर

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नई दिल्ली, 22 नवंबर। केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण तथा युवा कार्यक्रम और खेल मंत्री श्री अनुराग सिंह ठाकुर ने ‘फिल्म बाजार’ के उद्घाटन के अवसर पर सभा को संबोधित करते हुए कहा कि भारत दुनिया के फिल्म बनाने वाले सबसे बड़े देशों में से एक है और भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (इफ्फी) एशिया का सबसे बड़ा फिल्म महोत्सव है। इसलिए फिल्म-निर्माता भारत के फिल्म निर्माताओं के साथ जुड़ने और सहयोग करने के लिए यहां आते हैं; जिससे फिल्म बाजार की पहल के लिए इफ्फी एक उपयुक्त प्लेटफार्म बन गया है।

केंद्रीय मंत्री श्री अनुराग ठाकुर ने आज गोवा में फिल्म बाजार के उद्घाटन समारोह को संबोधित किया

भारत को फिल्म उद्योग का एक बड़ा बाजार बनाने के बारे में अपना दृष्टिकोण साझा करते हुए केंद्रीय मंत्री श्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि इफ्फी में फिल्मों के लिए सह-निर्माता और सहयोगी तलाशने के पर्याप्त अवसर होंगे। उन्होंने कहा, “हमारा लक्ष्य एक बड़ा बाजार बनना है जहां फिल्में बनाई और बेची जा सकें।”

श्री ठाकुर ने इस वर्ष के इफ्फी में बदलाव लाने और नई पहल शुरू करने के लिए एनएफडीसी, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय और संचालन समिति के प्रयासों की भी सराहना की। उन्होंने इफ्फी को और ज्‍यादा बड़ा व बेहतर बनाने के लिए सुझाव एवं विचार आमंत्रित किए।

केंद्रीय मंत्री श्री अनुराग ठाकुर ने आज गोवा में फिल्म बाजार का उद्घाटन किया

केंद्रीय मंत्री श्री अनुराग सिंह ठाकुर ने आज गोवा में फिल्म बाजार का उद्घाटन किया। यह दक्षिण एशिया का सबसे बड़ा फिल्म बाजार है। इसे 53वें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (इफ्फी) के अवसर पर आयोजित किया गया। यह दक्षिण एशियाई और अंतर्राष्ट्रीय फिल्म समुदायों के बीच रचनात्मक व वित्तीय सहभागिता को प्रोत्साहित करता है। इस कार्यक्रम में सूचना और प्रसारण राज्य मंत्री डॉ. एल. मुरुगन, मंत्रालय के सचिव अपूर्व चंद्रा सहित राष्ट्रीय फिल्म विकास निगम (एनएफडीसी) व फिल्म उद्योग के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया।

फिल्म बाज़ार:

राष्ट्रीय फिल्म विकास निगम (एनएफडीसी) द्वारा निर्मित और आयोजित फिल्म बाजार वर्ष 2007 में अपनी साधारण सी शुरुआत के बाद से दक्षिण एशिया के वैश्विक फिल्म बाजार में विकसित हुआ है। फिल्म बाजार के प्रत्येक संस्करण में राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय भागीदारी में वृद्धि हुई है। इन वर्षों में, लंच बॉक्स, मार्गरिटा विद ए स्ट्रॉ, चौथी कूट, किस्सा, शिप ऑफ थिसियस, तितली, कोर्ट, अन्हे घोड़े दा दान, मिस लवली, दम लगाके हईशा, लायर्स डाइस और थीथी जैसी फिल्में फिल्म बाज़ार के कार्यक्रम में एक या एक से अधिक बार प्रदर्शित की गई हैं।

पांच दिनों के दौरान, फिल्म बाजार दुनिया भर के फिल्म खरीदारों और विक्रेताओं के लिए एक केंद्र बिंदु बन जाता है। इस दौरान फिल्म निर्माण, उत्पादन और वितरण में दक्षिण एशियाई सामग्री और प्रतिभा की खोज, सहयोग और प्रदर्शन पर ध्यान केंद्रित किया गया है। फिल्म बाज़ार, दक्षिण एशियाई क्षेत्र में विश्व सिनेमा की बिक्री की सुविधा भी प्रदान करता है।