Online News Portal for Daily Hindi News and Updates with weekly E-paper

भारत-नॉर्वे ने हरित समुद्री क्षेत्र के लिए समझौता किया

52
Tour And Travels

पत्तन, पोत परिवहन एवं जलमार्ग मंत्रालय समुद्री क्षेत्र में हरित बदलाव के लिए समाधान तलाश रहा है

भारत-नॉर्वे का सतत और पर्यावरण के अनुकूल जहाज पुनर्चक्रण के लिए संयुक्त प्रयास

​​​​​​​समय की आवश्यकता : समुद्री उद्योग में लैंगिक समानता

एमओपीएसडबल्यू (पत्तन, पोत परिवहन एवं जलमार्ग मंत्रालय) भारत का समुद्री दृष्टिकोण-2030 के लक्ष्य के रूप में समुद्री क्षेत्र को विकसित करने के लिए लगन के साथ काम कर रहा है। इस संबंध में 8वीं नॉर्वे-भारत समुद्री संयुक्त कार्य समूह की बैठक मुंबई में 17 नवंबर, 2022 को आयोजित की गई थी। बैठक की सह-अध्यक्षता पत्तन, पोत परिवहन एवं जलमार्ग मंत्रालय में अपर सचिव श्री राजेश कुमार सिन्हा ने जहाजरानी महानिदेशालय में जहाजरानी महानिदेशक श्री अमिताभ कुमार, पोत परिवहन महानिदेशालय में अपर पोत परिवहन महानिदेशक, श्री कुमार संजय बरियार, पोत परिवहन महानिदेशालय में मुख्य सर्वेक्षक (स्वतंत्र प्रभार) श्री अजीत सुकुमारन, कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक श्री मधु नायर और पत्तन, पोत परिवहन एवं जलमार्ग मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में की। नार्वे के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व व्यापार, उद्योग और मत्स्य पालन मंत्रालय के महानिदेशक श्री ओटार ओस्टनेस ने किया।

image001AN2C Hindi News Website

हरित समुद्री भविष्य पर नॉर्वे-भारत सहयोग पर इस दौरान उपयोगी चर्चा हुई। दोनों सरकारों ने हरित समुद्री क्षेत्र के लिए अपने दृष्टिकोण और योजनाओं को प्रस्तुत किया।

पत्तन, पोत परिवहन एवं जलमार्ग मंत्रालय में अपर सचिव ने इस बात पर प्रकाश डाला कि नॉर्वे के साथ समुद्री व्यापार वर्ष 1600 से अधिक पहले से है। उन्होंने कहा कि नॉर्वे के पास समुद्री क्षेत्र में तकनीकी विशेषज्ञता है और भारत के पास समुद्री क्षेत्र के विकास और प्रशिक्षित नाविकों के बड़े पूल के लिए बड़ी क्षमता है, जो दोनों देशों को प्राकृतिक पूरक भागीदार बनाते हैं।

image003W51L Hindi News Website

समुद्री क्षेत्र के बारे में भारत-नॉर्वे संयुक्त कार्य समूह की बैठकें नियमित आधार पर आयोजित की जा रही हैं। नवंबर, 2019 में ओस्लो में समुद्री क्षेत्र के बारे में संयुक्त कार्य समूह की 7वीं बैठक आयोजित की गई थी। 7वीं बैठक के दौरान जहाज निर्माण में सहयोग, नाविकों के कौशल को बढ़ाने और पर्यावरण के अनुकूल जहाजों के मुद्दों पर चर्चा की गई।

18.11.2022 को आयोजित संयुक्त कार्य समूह की 8वीं बैठक में भविष्य के पोत परिवहन के लिए हरित अमोनिया और हाइड्रोजन जैसे वैकल्पिक ईंधन के उपयोग पर चर्चा हुई। नार्वे का हरित पोत परिवहन कार्यक्रम सफल रहा है और बैठक में अनुभव और विशेषज्ञता साझा की गई। नॉर्वे ने कहा कि वह शून्य कार्बन उत्सर्जन समाधान के लिए भारत के दृष्टिकोण के प्रति वचनबद्ध है।

भारत और नॉर्वे हरित जलमार्ग 2050 परियोजना का हिस्सा है। दोनों पक्ष सामान्य लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए इच्छा, समर्पण, साझेदारी और क्षमता निर्माण पर सहमत हुए।

भारत जहाजों के पुनर्चक्रण के लिए हांगकांग सम्मेलन का एक हस्ताक्षरकर्ता है। आज की बैठक में भारत ने अनुरोध किया कि यूरोपीय संघ के नियमों को गैर-यूरोपीय देशों के पुनर्चक्रण में बाधा नहीं बनना चाहिए जो अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन के अनुरूप है। नॉर्वे से अनुरोध किया गया था कि वह भारत में जहाजों के पुनर्चक्रण को आगे न बढ़ाए क्योंकि भारतीय पुनर्चक्रण करने वालों द्वारा बहुत अधिक निवेश किया गया है।

भारत ने नवीनतम समुद्री प्रौद्योगिकी  जैसे अधिकतम उपलब्धता और समर्थन उप प्रणाली-एमएएसएस के समुद्री प्रशिक्षण के क्षेत्र में सहयोग पर बल दिया है। भारतीय पक्ष ने नॉर्वे से ध्रुवीय जल नेविगेशन के क्षेत्र में शिप बोर्ड प्रशिक्षण का विस्तार करने का अनुरोध किया है।

मुंबई में नॉर्वे के महावाणिज्य दूत श्री अर्ने जान फ्लो ने कहा, ”हमने इस बात पर भी चर्चा की कि नाविकों के प्रशिक्षण और भर्ती को और कैसे विकसित किया जाए। हमें अपने जहाजों को चलाने के लिए कुशल और प्रेरित नाविकों की आवश्यकता है, और हमें महिलाओं को बोर्ड पर लाने की आवश्यकता है।”

पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय में सचिव ने कहा, “पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय ने भारत का समुद्री क्षेत्र का दृष्टिकोण 2030 तैयार किया है जिसमें क्षमता वृद्धि, परिचालन दक्षता में सुधार, जहाज निर्माण, रीसाइक्लिंग और मरम्मत, गुणवत्ता से संबंधित क्षेत्रों में वृद्धि पर ध्यान केंद्रित करते हुए पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग जैसे विभिन्न समुद्री क्षेत्रों में 150 से अधिक पहल की पहचान की गई है। समुद्री शिक्षा और देश में क्रूज पर्यटन जैसे नवीन क्षेत्रों के विकास का भी समर्थन करता है।”

नार्वे का प्रतिनिधिमंडल आईएनएमएआरसीओ, हरित पोत परिवहन और समुदी क्षेत्र के सम्मेलन में भी भाग लेगा। समुद्री शीओ सम्मेलन नॉर्वे द्वारा समर्थित है और समुद्री विविधता और स्थिरता पर केंद्रित है, जिसमें समुद्री उद्योग में लैंगिक समानता भी शामिल है।

समुद्री नीति और तटीय विकास विभाग के महानिदेशक श्री ओटार ओस्टनेस ने अगली प्रस्तावित संयुक्त कार्य समूह की 9वीं बैठक के लिए नॉर्वे में भारतीय प्रतिनिधिमंडल को आमंत्रित किया।