बाली (इंडोनेशिया),16नवंबर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने मंगलवार को यहां जी20 शिखर सम्मेलन के एक कार्यक्रम में हाथ मिलाया. सीमा गतिरोध को लेकर दोनों देशों के बीच तनावपूर्ण रिश्तों के बीच दोनों नेताओं की इस मुलाकात ने कई लोगों का ध्यान खींचा. दरअसल इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो ने जी20 प्रतिनिधियों के लिए स्वागत रात्रिभोज दिया था. मीडिया के लिए उस कार्यक्रम का सीधा प्रसारण किया गया, जिसमें दोनों नेताओं को हाथ मिलाते देखा गया.
जी20 शिखर सम्मेलन से इतर दोनों नेताओं की संभावित द्विपक्षीय बैठक को लेकर अटकलें लगाई जा रही थीं, लेकिन दोनों पक्षों द्वारा साझा किए गए एजेंडा में ऐसी किसी बैठक का जिक्र नहीं है. पूर्वी लद्दाख में चीन द्वारा सीमा पर घुसपैठ को लेकर जारी तनातनी के बीच दोनों के बीच द्विपक्षीय बैठक की संभावना पर सवाल उठे थे.
पूर्वी लद्दाख में सीमा गतिरोध की शुरुआत के बाद प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति शी पहली बार सितंबर में समरकंद में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के वार्षिक शिखर सम्मेलन में आमने-सामने आए थे. लेकिन उस समय दोनों नेताओं के हाथ मिलाने या अभिवादन करने की कोई रिपोर्ट नहीं थी. तो ऐसे में, साल 2020 में लद्दाख की गलवान घाटी में भारत और चीन की सेना में झड़प के बाद यह पहली बार है जब दोनों शीर्ष नेता ने एक-दूसरे से हाथ मिलाया है.
भारत लगातार कहता रहा है कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर अमन और चैन द्विपक्षीय संबंधों के समग्र विकास के लिए महत्वपूर्ण है. भारतीय और चीनी सेनाओं ने लंबे समय से सीमा पर जारी गतिरोध को हल करने के लिए कोर कमांडर स्तर की कई वार्ता की है. पैंगोंग झील क्षेत्रों में हिंसक झड़प के बाद पांच मई, 2020 को पूर्वी लद्दाख सीमा गतिरोध शुरू हुआ था.