भारतीय तटरक्षक (आईसीजी) ने दिनांक 25 अक्टूबर 2022 को भारत-बांग्लादेश अंतर्राष्ट्रीय समुद्री सीमा रेखा (आईएमबीएल) के पास सागर द्वीप से 20 बांग्लादेशी मछुआरों को बचाया । एक त्वरित समन्वित खोजबीन और बचाव (सर्च एंड रेस्क्यू) ऑपरेशन में आईसीजी ने उनकी जान बचाई । तटरक्षक के डोर्नियर विमान ने चक्रवात “सितरंग” के बाद के लैंडफॉल की निगरानी का कार्य करने के दौरान इनकी नावों को देखा और खोजबीन एवं बचाव (एसएआर) टीम को सतर्क किया। उन्हें शीघ्रतापूर्वक बचा लिया गया और बांग्लादेश तटरक्षक को सौंप दिया गया।
आईसीजी ने ओडिशा और पश्चिम बंगाल के तट के करीब के क्षेत्र को साफ करने और चक्रवात से प्रभावित नाविकों को सहायता प्रदान करने के लिए चक्रवात “सितरंग” के लैंडफॉल के बाद अपना डोर्नियर विमान लॉन्च किया था । निगरानी सॉर्टी के दौरान, आईसीजी डोर्नियर विमान ने लगभग 20 व्यक्तियों को पानी में आईएमबीएल से लगभग 90 नॉटिकल माइल दूर देखा जहां उनकी नावें चक्रवात में पलट गई थीं । बचे हुए लोग डूबी हुई मछली पकड़ने वाली नाव की नावों और मलबे से चिपके हुए थे । आईसीजी ने लाइफ राफ्ट को आसपास ही गिरा दिया और तब तक क्षेत्र में बना रहा जब तक कि इन जीवित बचे लोगों ने लाइफ राफ्ट का इस्तेमाल नहीं कर लिया।
इसके बाद आईसीजी विमान ने मर्चेंट पोत “नंता भुम” को डायवर्ट किया जो मलेशिया में पोर्ट क्लैंग से कोलकाता जाने के दौरान आसपास के क्षेत्र में था, इस जहाज को अपने द्वारा गिराए गए लाइफ राफ्ट से 20 व्यक्तियों को लेने का निर्देश दिया।
तटरक्षक के जहाजों विजया, वरद और सी-426 को खोजबीन से जुड़े प्रयासों (एसएआर) को बढ़ाने और क्षेत्र को साफ करने के लिए डायवर्ट किया गया । बाद में 20 बांग्लादेशी मछुआरों को आईसीजी जहाज विजया ने अपने पास ले लिया । भारतीय तटरक्षक और बांग्लादेश तटरक्षक बल के बीच हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापन (एमओयू) के अनुसार, बांग्लादेश तटरक्षक को सौंपे जाने से पहले आईसीजी जहाज पर सवार चिकित्सा अधिकारी द्वारा मछुआरों की फिटनेस की जांच की गई।
यह उल्लेख करना उचित है कि भारतीय तटरक्षक ने ओडिशा और पश्चिम बंगाल की राज्य सरकारों के समन्वय में, आसन्न मौसम/चक्रवात से उत्पन्न जोखिम को कम करने के लिए अपनी निर्धारित मानक संचालन प्रक्रिया के अनुसार विपत्ति आने से पहले निवारक कार्रवाई शुरू की और सुनिश्चित किया था कि चक्रवात “सितरंग” के संबंध में आईएमडी द्वारा पूर्वानुमानित “निम्न दबाव क्षेत्र” के गठन के पहले संकेत की प्राप्ति के बाद सभी मछली पकड़ने वाली नौकाओं की समय पर और सुरक्षित वापसी हो जाए। इस एडवाइज़री को बांग्लादेश तटरक्षक बल के साथ भी साझा किया गया था। चक्रवात के मौसम के दौरान आईसीजी द्वारा रडार स्टेशन और रिमोट ऑपरेटिंग स्टेशनों के माध्यम से इस एडवाइज़री को प्रसारित किया गया था ।