लंबित मामलों को निपटाने के लिए विशेष अभियान 2.0 (एससीडीपीएम) के हिस्से के रूप में औषध विभाग (डीओपी) अपने संलग्न कार्यालय राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (एनपीपीए), स्वायत्त संस्थानों जैसे सात राष्ट्रीय औषधीय शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान (नाईपर), तीन सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम कर्नाटक फार्मास्युटिकल्स और एंटीबायोटिक्स लिमिटेड (केएपीएल),बंगाल कैमिकल्स एंड फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड (बीसीपीएल), हिंदुस्तान एंटीबायोटिक्स लिमिटेड(एचएएल) और विभाग के अंतर्गत आने वाली और प्रधान मंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना (पीएमबीजेपी) को लागू करने वाली पीएमबीआई आदि सभी के साथ इस अभियान में उत्साहपूर्वक भाग ले रहा है।
विभाग ने पूरे देश में 7000 स्थानों पर विशेष सफाई अभियान चलाने का लक्ष्य रखा है। इन स्थानों में मुख्य रूप से पूरे देश में कार्यरत प्रधान मंत्री भारतीय जनऔषधि केंद्र (पीएमबीजेके) शामिल हैं। लोगों तक संदेश पहुंचाने के लिए ये केंद्र, जन प्रतिनिधियों के सहयोग से अपने केंद्रों के साथ-साथ आसपास के क्षेत्रों को साफ करने के लिए अभियान चला रहे हैं । स्वच्छता अभियान पहले ही 5974 स्थलों पर चलाया जा चुका है, जिनमें से अधिकांश स्थल प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि केंद्र हैं। गुवाहाटी में अपने परिसर के अलावा, आस-पास के बाजार और स्कूल में नाईपर, गुवाहाटी ने विशेष सफाई गतिविधियों का आयोजन किया है। विभाग के सभी कार्यालयों और अन्य एजेंसियों ने भी स्वच्छता गतिविधियों का संचालन किया है।
विभाग ने अभियान के दौरान पीएमओ, सांसदों और राज्य सरकार के संदर्भ, संसदीय आश्वासन और लोक शिकायत के निपटान के लिए लक्ष्य भी निर्धारित किए हैं, जिनका पालन किया जा रहा है। इसके अलावा, फाइलों और ई-फाइलों की समीक्षा/छंटाई का लक्ष्य तय किया गया है। निर्धारित लक्ष्य को पूरा करने के लिए विभाग प्रयासरत है।
औषध विभाग 31 अक्टूबर, 2022 को अभियान के अंत तक पुरानी/अप्रयुक्त फाइलों के निपटान, पुराने खराब/अनुपयोगी उपकरणों के निपटान और स्थलों की सफाई आदि के लक्ष्य को पार करने का प्रयास कर रहा है।