एसएमई भारत की विकास गाथा का एक अभिन्न हिस्सा हैं, बीएसई एसएमई के बारे में अंतरराष्ट्रीय निवेशकों को जागरूक करने की जरूरत है: केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री
“बीएसई एसएमई कंपनियों के लिए मुख्य एक्सचेंज में प्रवेश करने का एक मार्ग भी बन सकता है”
“बीएसई एसएमई प्लेटफार्म गिफ्ट सिटी में एक प्लेटफार्म स्थापित करने पर विचार कर सकता है”
“बीएसई उन कंपनियों को प्रौद्योगिकी सेवाएं भी दे सकता है जो एसएमई एक्सचेंज की आभा में वृद्धि कर सकती हैं”
केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल ने आज मुंबई में बीएसई एसएमई प्लेटफॉर्म में 400वीं कंपनी को सूचीबद्ध करने (लिस्टिंग) के समारोह में भाग लिया। आज एक्सचेंज के एसएमई प्लेटफॉर्म में आठ नई कंपनियों की लिस्टिंग के साथ, बीएसई एसएमई प्लेटफॉर्म ने 400 सूचीबद्ध कंपनियों की उपलब्धि हासिल की है। केन्द्रीय मंत्री श्री पीयूष गोयल ने इस विशेष अवसर को चिन्हित करने के लिए आज औपचारिक घंटी बजाई।
बीएसई लिमिटेड ने मार्च 2012 में सेबी द्वारा निर्धारित नियमों और विनियमों के अनुसार बीएसई एसएमई प्लेटफॉर्म की स्थापना की है। बीएसई एसएमई प्लेटफॉर्म उद्यमियों और निवेशकों को एक अनुकूल वातावरण प्रदान करता है, जोकि देश भर में फैले असंगठित क्षेत्र के लघु एवं मध्यम उद्यमों (एसएमई) को एक विनियमित और संगठित क्षेत्र के रूप में सूचीबद्ध करने में सक्षम बनाता है। सूचीबद्ध एसएमई इस बीएसई एसएमई प्लेटफॉर्म की दहलीज पर कदम रखते हैं और आगे के विकास एवं प्रगति के लिए वित्त की दुनिया में प्रवेश करते हैं। बीएसई एसएमई इन एसएमई को उनके विकास और विस्तार के लिए इक्विटी पूंजी जुटाने में सहायता करता है और इस प्रकार उन्हें एक पूर्ण रूप से विकसित कंपनी के तौर पर स्थापित होने में मदद करता है और नियत समय में, उन्हें मौजूदा नियमों एवं विनियमों के तहत बीएसई के मुख्य बोर्ड में स्थानांतरित होने में सक्षम बनाता है।
केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री ने कहा, “बीएसई एसएमई प्लेटफॉर्म के लिए 400 कंपनियां एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है”। उन्होंने कहा, “बीएसई एसएमई कंपनियों के लिए मुख्य एक्सचेंज में प्रवेश करने का एक मार्ग भी बन सकता है।” यह कहते हुए कि बीएसई एसएमई प्लेटफॉर्म में अपार संभावनाएं हैं, उन्होंने एक्सचेंज से इस इकोसिस्टम के बारे में पूरी दुनिया को अवगत कराने का आग्रह किया। “हमें बेहतर तरीके से इसे प्रचारित करने की जरूरत है, अंतरराष्ट्रीय निवेशकों को भी जागरूक करने की जरूरत है, अंतरराष्ट्रीय फंडों को भी इस एक्सचेंज के बारे में बताने की जरूरत है”। उन्होंने सुझाव दिया कि बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज या तो एक्सचेंज से कुछ प्रतिनिधि भेज सकता है या फिर एक्सचेंज में सूचीबद्ध कुछ कंपनियों को विदेशी देशों में उद्योग प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा बनने के लिए भेज सकता है, ताकि अधिक से अधिक अंतरराष्ट्रीय निवेशक इस एक्सचेंज की गतिविधियों में भाग ले सकें।
उन्होंने कहा कि एसएमई भारत की विकास गाथा का एक अभिन्न हिस्सा हैं और अधिक से अधिक सहयोग एवं भागीदारी से इस बीएसई एसएमई एक्सचेंज के विकास में तेजी आएगी। इस संदर्भ में, केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा, “हमारे पास 100 से अधिक यूनिकॉर्न हैं। कई सूनिकॉर्न यूनिकॉर्न बनने की दिशा में अग्रसर हैं। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय बीएसई और स्टार्टअप इकोसिस्टम के बीच साझेदारी बनाने में मदद कर सकता है। यह दोनों के लिए अच्छा होगा, स्टार्टअप को तेजी से विकसित होने में मदद करें और इस प्रकार बीएसई को अपने प्लेटफॉर्म को बड़ा करने में मदद करें”।
इस एक्सचेंज की अपार क्षमता के बारे में बोलते हुए, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री ने यह भी कहा, “मुंबई वह जगह है जहां से हम यह उम्मीद करते हैं कि एसएमई क्षेत्र की उड़ान में नए पंख लगेंगे, एसएमई क्षेत्र अधिक पूंजी जुटायेंगे और सही मायने में एक ऐसे अंतरराष्ट्रीय केन्द्र बनेंगे जो अधिक से अधिक एसएमई को अपने तेज विकास को विस्तार देने में सक्षम बनाता है।” उन्होंने यह भी सुझाव दिया, “बीएसई एसएमई प्लेटफॉर्म गिफ्ट सिटी में एक प्लेटफॉर्म स्थापित करने पर विचार कर सकता है”।
केन्द्रीय मंत्री ने बीएसई से स्टार्टअप इकोसिस्टम के साथ एक इंटरफेस बनाने का भी आग्रह किया। इससे उन्हें तेजी से बढ़ने में मदद मिलेगी और स्टार्टअप में घरेलू पूंजी को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा, “भारतीय निवेशक भारतीय बाजार को मजबूत बनाए रखने में समर्थ हैं। इस तथ्य ने इक्विटी संस्कृति को प्रदर्शित किया है और इससे भारतीय निवेशकों की जोखिम लेने की क्षमता में वृद्धि हुई है।” उन्होंने कहा कि बीएसई उन कंपनियों को प्रौद्योगिकी सेवाएं भी दे सकता है, जो एसएमई एक्सचेंज की आभा में वृद्धि कर सकती हैं।
भारत की विकास गाथा के बारे में बोलते हुए, उन्होंने कहा कि दुनिया में कहीं भी हमारे पास वैसे आकार और पैमाने के अवसर उपलब्ध नहीं है, जैसा आज भारत प्रदान करता है। “आगे बढ़ते हुए, भारत वैश्विक विकास का नेतृत्व करेगा। दुनिया भारत के विकास की कहानी को लेकर उत्साहित और आशावान है। वे हमें विश्वास, आशा और प्रतिबद्धता के साथ देख रहे हैं। सामान्य गति के व्यापार की स्थिति में भी, जब हम आजादी के 100 साल पूरे करेंगे तो भारत 30-32 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था होगा।” उन्होंने कहा कि बाजार ने भारत की विकास गाथा में जबरदस्त भरोसा जताया है।
केंद्रीय मंत्री ने विकास के लिए अनुकूल माहौल से जुड़ी जरूरतों के बारे में भी बताया। इनमें शामिल हैं:
- प्रौद्योगिकी के साथ अधिक जुड़ाव
- अनुपालन संबंधी बोझ को कम करना
- विभिन्न कानूनों को अपराध की श्रेणी से बाहर करना
- नवाचार को बढ़ावा देना
- लॉजिस्टिक्स अवसंरचना में सुधार
- मुक्त व्यापार समझौते
केंद्रीय मंत्री ने इस बात का भी उल्लेख किया कि सरकार ने महामारी के असर से व्यवस्थित तरीके से उबरने का लक्ष्य रखा है और उद्योग जगत ने जबरदस्त दृढ़ता दिखाई है। “हमने रूस-यूक्रेन संघर्ष के आलोक में मौजूदा भू-राजनैतिक स्थिति को उपयुक्त तरीके से संभाला है”।
इस अवसर पर आज सूचीबद्ध हुई आठ कंपनियों के प्रतिनिधि, व्यापारी, निवेशक और उद्योग जगत के प्रतिनिधि उपस्थित थे। जयपुर शहर के सांसद रामचरण बोहरा, बीएसई के चेयरमैन एस. एस. मुंद्रा और बीएसई एसएमई और स्टार्ट-अप प्लेटफॉर्म के प्रमुख अजय ठाकुर भी मौजूद थे।
अब तक 152 कंपनियां मुख्य बोर्ड में आ चुकी हैं। बीएसई एसएमई प्लेटफॉर्म पर सूचीबद्ध 394 कंपनियों ने बाजार से 4,263.00 करोड़ रुपये जुटाए हैं और 07 अक्टूबर, 2022 तक 394 कंपनियों का कुल बाजार पूंजीकरण 60,000 करोड़ रुपये का है। बीएसई इस खंड में 60 फीसदी की बाजार हिस्सेदारी के साथ बाजार में अग्रणी है।
आज सूचीबद्ध आठ कंपनियों के बारे में विवरण के लिए यहां क्लिक करें।