पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास और सहकारिता राज्य मंत्री श्री बी एल वर्मा ने अपने वीडियो संदेश में कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में भारत सरकार पर्यटन क्षेत्र के प्रमुख क्षेत्रों में से एक होने के साथ पूर्वोत्तर भारत के विकास की दिशा में उत्साहपूर्वक काम कर रही है। सिम्फो-एनई जैसे कार्यक्रम क्षेत्र में पर्यटन क्षमता के विकास में मील का पत्थर साबित होंगे।
श्री हरप्रीत सिंह, संयुक्त सचिव, एमडीओएनईआर ने सभी गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत किया और कहा कि सिम्फो-एनई सर्वोत्तम विचारों और सर्वोत्तम कार्यों को आत्मसात करने का एक बड़ा मंच है जो पूर्वोत्तर क्षेत्र में पर्यटन क्षेत्र की क्षमता को बढ़ावा देगा और उसे उजागर करेगा।
श्री नितिन जायसवाल, एशिया प्रमुख, ब्लूमबर्ग ने पूर्वोत्तर भारत में पर्यटन क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए केंद्र और राज्य दोनों सरकारों के प्रयासों की सराहना की। श्री जायसवाल ने स्थानीय लोगों और स्वदेशी समुदाय की अमूल्य भूमिका पर प्रकाश डाला जो पूर्वोत्तर भारत में पर्यटन क्षेत्र के विकास के लिए एक बड़ा उत्प्रेरक और प्रभावशाली साबित हो सकता है।
पूर्वोत्तर परिषद की सलाहकार श्रीमती आर लालरोडिंगी ने तकनीकी प्रशिक्षण के साथ ‘कुशल श्रम शक्ति’ के महत्व पर जोर दिया, जो पर्यटन गतिविधियों को और बढ़ाएगा और पूर्वोत्तर क्षेत्र की ‘संस्कृति, रोमांच और प्रकृति’ का प्रदर्शन करेगा।
श्री किरण गिट्टे, आईएएस, त्रिपुरा पर्यटन बोर्ड ने सतत पर्यटन सुनिश्चित करने और पूर्वोत्तर को दुनिया में सबसे अधिक लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में से एक बनाने के लिए एक बाजार अर्थव्यवस्था बनाने के महत्व को रेखांकित किया।
रोमांचकारी खेलों पर आधारित “एबर कंट्री ट्रैवल्स” के यात्रा प्रबंधक श्री ओकेन तायेंग ने पर्यटकों के लिए एक सुरक्षित वातावरण बनाने, विशेष रूप से साहसिक खेलों जैसे ट्रेकिंग, राफ्टिंग आदि में उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक सरकारी नीति लाने की बात की।
श्री लोक रंजन, सचिव एमडीएनईआर ने सिम्फो-एनई सम्मेलन के लिए अपनी समापन टिप्पणी में कहा कि पूर्वोत्तर भारत स्वर्ग है और समग्र रूप से समुदाय की एक सामान्य दृष्टि के साथ, हम पूर्वोत्तर क्षेत्र की विविधता और सुंदरता का प्रदर्शन कर सकते हैं। पूर्वोत्तर के पर्यटन क्षेत्र की पुनर्कल्पना करते हुए, उन्होंने कहा कि “पीपुल एंड द प्लानेट ऑन द कोर” का विचार हमें समावेशिता, लचीलापन और स्थिरता की ओर बढ़ने में मदद कर सकता है जिससे आने वाली पीढ़ियों को भी लाभ होगा। उन्होंने आगे कहा कि सिम्फो-एनई सार्वजनिक भागीदारी और जनभागीदारी के लिए मंत्रालय की प्रतिबद्धता का प्रतिनिधित्व करता है।
पूर्वोत्तर क्षेत्र में पर्यटन क्षेत्र में बड़े अवसरों की खोज के अवसरों पर काम करते हुए, पूर्वोत्तर क्षेत्र मंत्रालय ने 24 और 27 सितंबर 2022 को वर्चुअल सम्मेलन ‘सिम्फो-एनई’ का आयोजन किया। सिम्फो-एनई का उद्देश्य पूर्वोत्तर भारत की अनदेखी सुंदरता को प्रदर्शित करने के लिए एक रोडमैप बनाना और पूर्वोत्तर क्षेत्र में पर्यटन क्षेत्र की सहायता करना है। इस सम्मेलन में विचारकों, नीति विचारकों, सोशल मीडिया के प्रभावशाली लोगों, यात्रा और टूर ऑपरेटरों और मंत्रालय तथा राज्य विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा विचारों और सुझावों का आदान-प्रदान किया गया, चर्चाएं की गईं।
सिम्फो-एनई का उद्देश्य पर्यटकों और टूर ऑपरेटरों द्वारा सामना की जा रही सभी बाधाओं को खत्म करने के लिए वन-स्टॉप समाधान विकसित करना है। यह यात्रा संचालन के दौरान आने वाली रसद और ढांचागत बाधाओं को हल करने, पर्यटकों के बीच स्थानों के बारे में जागरूकता की कमी को कम करने और लोगों के बीच विपणन/प्रचार गतिविधियों के लिए आवश्यक जानकारी फैलाने पर काम करेगा।