कोल इंडिया लिमिटेड, कोयला से रासायनिक उत्पादों के लिए तीन प्रमुख सार्वजनिक उपक्रमों के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करेगा
चार भूतल कोयला गैसीकरण परियोजनाएं की स्थापना
2030 तक 100 मिलियन टन गैसीकरण का लक्ष्य
भूतल कोयला गैसीकरण (एससीजी) मार्ग के माध्यम से कोयला-से-रासायनिक परियोजनाओं की स्थापना को आसान बनाते हुए, कोयला मंत्रालय के तत्वावधान में कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) 27 सितंबर 2022 को नई दिल्ली में तीन प्रमुख समझौता ज्ञापनों (एमओयू) पर हस्ताक्षर करेगा।
चार एससीजी परियोजनाओं की स्थापना के लिए सीआईएल देश के तीन अन्य प्रमुख पीएसयू – भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (भेल), इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (आईओसीएल) और गेल (इंडिया) के साथ मिलकर काम करेगा।
एससीजी मार्ग से कोयले को सिनगैस में परिवर्तित किया जाता है, जिसे बाद में मूल्य वर्धित रसायनों के डाउनस्ट्रीम उत्पादन के लिए संसाधित किया जा सकता है। अन्यथा इनका उत्पादन आयातित प्राकृतिक गैस या कच्चे तेल के माध्यम से किया जाता है। परिकल्पित अंतिम उत्पाद डाइ-मिथाइल ईथर, सिंथेटिक प्राकृतिक गैस और अमोनियम नाइट्रेट हैं।
प्रस्तावित परियोजनाओं से विदेशी मुद्रा व्यय में कमी आयेगी एवं प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के लगभग 23,000 अवसरों का सृजन होगा।
आत्मनिर्भरता और ऊर्जा स्वतंत्रता के दोहरे उद्देश्यों के साथ, कोयला मंत्रालय ने 2030 तक 100 मिलियन टन कोयला गैसीकरण प्राप्त करने का लक्ष्य निर्धारित किया है।