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रसायन और उर्वरक मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने वैश्विक रसायन और उर्वरक बाजार का नेतृत्व करने के लिए भारत का अपना मॉडल बनाने का आह्वान किया

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प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के ‘मेक इन इंडिया, मेक फॉर द वर्ल्ड’ के विजन के अनुरूप रसायन और पेट्रो-रसायन क्षेत्र भारत को वैश्विक विनिर्माण केंद्र में बदल सकता है: डॉ. मनसुख मांडविया

श्री भगवंत खुबा: भारतीय रसायन और पेट्रो रसायन उद्योग में देश के विकास को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की अपार संभावनाएं हैं

“प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के ‘मेक इन इंडिया, मेक फॉर द वर्ल्ड’ के विजन के अनुरूप रसायन और पेट्रो रसायन क्षेत्र भारत को वैश्विक विनिर्माण केंद्र में बदल सकता है”। यह बात आज केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने रसायन और पेट्रो रसायन सलाहकार मंच की तीसरी बैठक में कही। इस अवसर पर रसायन एवं उर्वरक राज्य मंत्री श्री भगवंत खुबा भी उपस्थित थे।

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इस अवसर पर अपने संबोधन में डॉ. मनसुख मांडविया ने कहा कि भारतीय रसायन और पेट्रो रसायन उद्योग में देश के विकास को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की पर्याप्त क्षमता है। उन्होंने जोर देकर कहा, “भारत को रसायनों और उर्वरकों के वैश्विक बाजार का नेतृत्व करने के लिए अपना खुद का मॉडल बनाने की जरूरत है।” उन्होंने कंपनियों और सलाहकार मंच से “भविष्य की रणनीति बनाने का आग्रह किया जो वैश्विक मांगों और संबंधित उद्योगों की उभरती जरूरतों के अनुरूप हो। भारत में चुनौती का सामना करने की क्षमता है; बस एक ऐसी रणनीति की जरूरत है जो परिणामों पर केंद्रित हो।”

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डॉ. मांडविया ने जोर देते हुए कहा, “आइए, हम निर्णय लेने का अपना मॉडल बनाएं जो परामर्शी और बहुआयामी हो। इसमें भारत को अपनी घरेलू और वैश्विक मांगों को पूरा करने के लिए जरूरी उपाय भी शामिल हों”। उन्होंने उद्योग और शिक्षाविदों से अनुसंधान एवं विकास (आर एंड डी) में भागीदारी करने का भी आग्रह किया जो इस क्षेत्र में घरेलू आवश्यकताओं को पूरा करे। उन्होंने कहा, “हम रसायनों के लिए एमएसएमई जैसे विशिष्ट क्षेत्रों की चुनौतियों और आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए अनुसंधान एवं विकास को लक्षित कर सकते थे।”

रसायन एवं उर्वरक राज्य मंत्री श्री भगवंत खुबा ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सरकार की उद्योग-अनुकूल नीतियों और देश में व्यापार को आसान बनाने के लिए की गई विभिन्न पहलों पर प्रकाश डाला। इस बात का उल्लेख करते हुए कि भारत एक उभरती हुई अर्थव्यवस्था है, उन्होंने कहा कि भारतीय रासायनिक और पेट्रो रसायन उद्योगों में देश के विकास को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की अपार संभावनाएं हैं।

इस कार्यक्रम में पेट्रो रसायन पर सलाहकार मंच  द्वारा प्रस्तुत संभावित योजना पर चर्चा की गई और “उद्योग परिदृश्य को समझना” विषय पर रिपोर्ट भी जारी की गई।

देश में रासायनिक और पेट्रो रसायन क्षेत्र के विकास को प्रभावित करने वाली बाधाओं की पहचान करने और नीतिगत हस्तक्षेपों के माध्यम से उद्योग के विकास को आसान बनाने के लिए 10 जुलाई 2019 को रसायन और पेट्रो रसायन क्षेत्र के लिए एक सलाहकार मंच का गठन किया गया है। सलाहकार मंच की भूमिका उद्योग संघों को उन मुद्दों को उठाने के लिए एक मंच प्रदान करना है जिसे अन्य मंत्रालयों के समन्वय से हल किया जा सकता है। यह हितधारकों को इस क्षेत्र में देश को “आत्म-निर्भर” बनाने के लिए नीतियां बनाने और नई पहल करने के लिए अपनी नई जानकारी प्रदान करने का अवसर भी प्रदान करता है। ‘सलाहकार मंच’ में उद्योग संघ, शैक्षणिक संस्थान, सीएसआईआर प्रयोगशालाएं, पीएसयू और राज्यों के प्रतिनिधि सदस्य शामिल हैं। यह सलाहकार मंच केंद्रीय रसायन और उर्वरक मंत्री की अध्यक्षता में कार्य करता है।