जल शक्ति मंत्रालय ने जुलाई 2022 की ‘वॉटर हीरोज: शेयर योर स्टोरीज’ प्रतियोगिता के विजेताओं का ऐलान किया
जल सरंक्षण की दिशा में उनके अनोखे प्रयासों के लिए सभी छह विजेताओं को 10,000 रुपए नकद और एक प्रमाण पत्र दिया जाएगा
जल संसाधनों के संरक्षण और सतत विकास को ‘जन आंदोलन’ बनाने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के विजन और मिशन के अनुरूप जल शक्ति मंत्रालय के जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण विभाग ने ‘वाटर हीरोज: शेयर योर स्टोरीज’ प्रतियोगिता शुरू की थी। इस मासिक प्रतियोगिता का तीसरा संस्करण MyGov पोर्टल पर 1 दिसंबर 2021 को शुरू किया गया था और यह 30 नवंबर 2022 को समाप्त होगा। विभाग ने जुलाई 2022 महीने के लिए 6 विजेताओं की घोषणा की है और उनमें से प्रत्येक को 10,000/- रुपये का नकद पुरस्कार और देश भर में जल संसाधनों के सतत विकास को बढ़ावा देने और जल संरक्षण के इस अच्छे कार्य को अपनाने के लिए देशव्यापी प्रयासों का समर्थन करने और जनता को प्रेरित करने के लिए एक प्रमाण पत्र मिलेगा।
प्रतियोगिता का उद्देश्य जल संरक्षण के लिए जागरूकता पैदा करना और इसके बारे में और अधिक जानकारियां प्रदान करना है। जल नायकों के अनुभवों को साझा करके जल संरक्षण और प्रबंधन के प्रति एक दृष्टिकोण तैयार करना भी इसका मकसद है ताकि सभी हितधारकों के बीच जल संरक्षण के प्रति व्यवहार परिवर्तन किया जा सके। अब तक, प्रतियोगिता के तीन संस्करण MyGov पोर्टल पर लॉन्च किए जा चुके हैं। पहला संस्करण 1 सितंबर 2019 से 30 अगस्त 2020 तक लॉन्च किया गया था। दूसरा संस्करण 19 सितंबर 2020 से 31 अगस्त 2021 तक लॉन्च किया गया था। तीसरा संस्करण 1 दिसंबर 2021 को लॉन्च किया गया है और यह 30 नवंबर 2022 को समाप्त होगा। जुलाई 2022 के लिए छह विजेता चुने गए हैं जिनकी उपलब्धियां इस प्रकार हैं:-
मनीष राजपूत: ग्वालियर, मध्य प्रदेश से मनीष राजपूत ने राष्ट्रीय एकता युवा शिविर में भाग लिया था। उन्होंने जल, जंगल और जमीन पर क्षेत्रीय और राष्ट्रीय स्तर के अभियानों का नेतृत्व किया, सार्वजनिक प्रेरणा, भूमि अधिकार अभियान पर जन हितों की वकालत, जन आंदोलन 2018, अयोध्या के कराहल क्षेत्र में 2013-16 तक जल अधिकार अभियान में हिस्सा लिया। वे 2016-18 के बीच, पैदल मार्च, सेमिनार आदि के आयोजन/ भाग लेने में शामिल रहे हैं। 2019 में उन्होंने जल अधिकार और नदी कायाकल्प सम्मेलन में भी भाग लिया। वे 2019 में जल जन जोड़ो अभियान में मध्य प्रदेश इकाई के समन्वयक रहे हैं।
प्रकाश सिंह: उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में जल संरक्षण के कार्यों से जुड़े हैं, चल-खल विकास का सारा काम ग्रामीणों के सहयोग से सामुदायिक भागीदारी से हुआ। वह समुदाय को प्रोत्साहित करते हैं और पानी के प्रबंधन के लिए एक मॉडल विकसित करने में मदद करते हैं। मार्च 22 में, Sarkaritel.com ने जल शक्ति मंत्रालय और जल जीवन मिशन के सहयोग से समुदाय को जल प्रहरी पुरस्कार से सम्मानित किया। उन्होंने जल संरक्षण और प्रबंधन पर एक ‘जन आंदोलन’ अभियान शुरू किया। उनके प्रयासों के चलते 40 से अधिक चल-खलों को बहाल किया गया है, 45 फेरो-सीमेंट टैंकों का निर्माण किया गया है जिससे पानी की स्थिति में काफी सुधार हुआ है।
शिवाजी घाडगे: एक प्रेस रिपोर्टर होने के साथ साथ शिवाजी महाराष्ट्र के अहमदनगर से जल संरक्षण के कार्यकर्ता हैं। वह पिछले तीन दशकों से पत्रकारिता से जुड़े हुए हैं और जल साक्षरता और प्रबंधन संबंधी समाचारों को कवर करते हैं और इस माध्यम से वे अर्थव्यवस्था के साथ जल उपयोगकर्ताओं के लिए लोगों को जागरूक कर रहे हैं। उन्होंने महाराष्ट्र में स्कूली बच्चों को जल संरक्षण और दूषित नदियों की सफाई के लिए भी जागरूक किया है।
डॉ. टी वसंत लक्ष्मी: वसंत लक्ष्मी चैरिटेबल ट्रस्ट एंड रिसर्च सेंटर, नेल्लोर, आंध्र प्रदेश मुख्य रूप से पर्यावरण, पानी और स्वच्छता, सुरक्षित पेयजल, जल संचयन और वृक्षारोपण आदि पर जागरूकता पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। ट्रस्ट ग्रामीण और शहरी समुदायों में जल संरक्षण पर जागरूकता/सेमिनार/अभियान आयोजित करता है। ट्रस्ट ने 5 लाख से अधिक वृक्षारोपण कार्य, जल संरक्षण जागरूकता पर 1000 से अधिक रैलियां, 2400 से अधिक जागरूकता कार्यक्रम, 2400 से अधिक जल संरक्षण कार्य, 1800 से अधिक आरडब्ल्यूएच संरचनाओं का निर्माण, 500 से अधिक गांवों में पानी बचाने के लिए जागरूकता, 830 से अधिक जागरूकता कार्यक्रम स्कूलों और कॉलेजों में आयोजित किए हैं।
भुवना पंचनाथ: चेन्नई में आशियाना अपार्टमेंट ने रेन वॉटर हार्वेस्टिंग (आरडब्ल्यूएच) संरचना, नए आरडब्ल्यूएच कुओं, एक शैलो चैनल और नए रिचार्ज वेल का निर्माण किया है। उन्होंने कुछ ब्लॉकों से बाहर टैरेस से निकलने वाले वर्षा जल को इकट्ठा करने के लिए एक नए कुएं का निर्माण किया। उन्होंने जल संरक्षण के प्रति जागरूकता के लिए घर-घर जाकर अभियान चलाया। फ्लैटों में एयररेटर, किचन में पानी के मीटर और बाथरूम इनलेट से पानी की खपत कम करने में मदद मिली। 2010-17 के बीच, ग्रे वॉटर रीसाइक्लिंग और ड्रिप सिंचाई शुरू की, सीवेज पानी को परिवर्तित करने के लिए 2019 में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाया।
महेंद्र कुमार: वे रेडिएटर और पंखे के डिब्बे का उपयोग करके एसी और कूलर से पानी बचाने के लिए एक तंत्र तैयार कर रहे हैं। पानी की बचत के लिए उन्होंने ब्रिक-स्पोंजी कूलर-कम-एसी तैयार किया जिसमें रोजाना पर्याप्त मात्रा में पानी की बचत होती है।
यह प्रतियोगिता हर महीने आयोजित की जाती है और इसे MyGov पोर्टल (www.mygov.in) पर देखा जा सकता है। प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए, इस पोर्टल पर 1-5 मिनट के वीडियो के साथ 300 शब्दों में जल संरक्षण प्रयासों पर अपनी सफलता की कहानियों को पोस्ट करना होगा। साथ में कुछ तस्वीरें, जो प्रयासों को दर्शाती हों, अटैच करनी होंगी। साथ ही, प्रतिभागी MyGov पोर्टल पर अपने वीडियो (अपने YouTube वीडियो के लिंक के साथ) साझा कर सकते हैं। इसके अलावा, waterheroes.cgwb[at]gmail[dot]com पर भी प्रविष्टियां जमा की जा सकती हैं।