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गोवा पहला ‘हर घर जल’ प्रमाणित राज्य और दादरा और नगर हवेली और दमन और दीव देश में पहला ‘हर घर जल’ प्रमाणित केंद्र शासित प्रदेश बना

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गोवा के सभी 2.63 लाख ग्रामीण परिवारों और दादरा और नगर हवेली और दमन और दीव के 85,156 घरों में नल कनेक्शन के माध्यम से पीने योग्य पानी की पहुंच हुई

गोवा और दादरा और नगर हवेली और दमन और दीव देश में क्रमशः पहला ‘हर घर जल’ प्रमाणित राज्य और केंद्र शासित प्रदेश बन गया है जहां सभी गांवों के लोगों ने अपने गांव को ‘हर घर जल’ के रूप में घोषित किया है। ग्राम सभा द्वारा पारित प्रस्ताव के जरिए यह प्रमाणित किया गया है कि गांवों के सभी घरों में नल के माध्यम से सुरक्षित पेयजल उपलब्ध है और यह सुनिश्चित किया गया है कि ‘कोई भी छूटा नहीं है’। गोवा के सभी 2.63 लाख ग्रामीण परिवारों और दादरा और नगर हवेली और दमन और दीव के 85,156 घरों में नल कनेक्शन के माध्यम से पीने योग्य पानी की पहुंच है।

जल जीवन मिशन भारत सरकार का एक प्रमुख कार्यक्रम है जिसकी घोषणा 15 अगस्त, 2019 को दूरदर्शी प्रधानमंत्री द्वारा लाल किले की प्राचीर से की गई थी। मिशन का उद्देश्य 2024 तक देश के प्रत्येक ग्रामीण परिवार के लिए नियमित और दीर्घकालिक आधार पर पर्याप्त मात्रा में, निर्धारित गुणवत्ता के पेयजल आपूर्ति का प्रावधान करना है। यह कार्यक्रम भारत सरकार द्वारा राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों के साथ साझेदारी में कार्यान्वित किया जाता है।

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कोविड-19 महामारी के दौरान विभिन्न बाधाओं और चुनौतियों का सामना करने के बावजूद, पंचायत प्रतिनिधियों, जल समितियों, गोवा के जिला और राज्य/ केंद्र शासित प्रदेश के अधिकारियों और दादरा और नगर हवेली और दमन और दीव के लगातार प्रयासों ने इस उपलब्धि को प्राप्त किया है। सभी स्कूल, आंगनवाड़ी केंद्र, ग्राम पंचायत सहित सार्वजनिक संस्थान इमारतों, स्वास्थ्य केंद्रों, सामुदायिक केंद्रों, आश्रमों और अन्य सरकारी कार्यालयों में अब नल कनेक्शन के माध्यम से पीने योग्य पानी तक पहुंच है।

जल जीवन मिशन की मार्गदर्शिका में प्रमाणीकरण की प्रक्रिया का विस्तृत विवरण दिया गया है जिसके अनुसार सबसे पहले फील्ड इंजीनियर ग्राम सभा की बैठक के दौरान पंचायत को जलापूर्ति योजना के संबंध में एक पूर्णता प्रमाण पत्र प्रस्तुत करता है। ग्राम सभा के एक प्रस्ताव के माध्यम से गाँव इस बात की पुष्टि करते हैं कि प्रत्येक घर को निर्धारित गुणवत्ता के पानी की नियमित आपूर्ति हो रही है और एक भी घर नहीं छूटा है। वे यह भी पुष्टि करते हैं कि सभी स्कूलों, आंगनवाड़ी केंद्रों और अन्य सार्वजनिक संस्थानों को भी नल का पानी मिल रहा है।

गोवा के सभी 378 गांवों और  दादरा और नगर हवेली और दमन और दीव के 96 गांवों में ग्राम जल और स्वच्छता समिति (वीडब्ल्यूएससी) या पानी समिति का गठन किया गया है। वीडब्ल्यूएससी ‘हर घर जल’ कार्यक्रम के तहत विकसित जल आपूर्ति बुनियादी ढांचे के संचालन, रखरखाव और मरम्मत के लिए जिम्मेदार है। ग्राम पंचायत की इस उपसमिति के पास उपभोक्ता शुल्क वसूलने की भी जिम्मेदारी है जिसे बैंक खाते में जमा किया जाएगा और इसका उपयोग पंप संचालक के मानदेय का भुगतान करने और समय-समय पर मामूली मरम्मत कार्य करने के लिए किया जाएगा।

मिशन का एक महत्वपूर्ण पहलू पानी की गुणवत्ता भी है और इसे सुनिश्चित करने के लिए प्रत्येक गांव में कम से कम पांच महिलाओं को जल परीक्षण करने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है। आज देश में 10 लाख से अधिक महिलाओं को ग्रामीण घरों में आपूर्ति किए जाने वाले पानी की गुणवत्ता के परीक्षण के लिए फील्ड टेस्ट किट (एफटीके) का उपयोग करने के लिए प्रशिक्षित किया गया है। इन महिलाओं द्वारा फील्ड टेस्टिंग किट (एफटीके) का उपयोग करके 57 लाख से अधिक पानी के नमूनों का परीक्षण किया गया है।

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के “सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास” के दृष्टिकोण के बाद, देश में 52 प्रतिशत से अधिक ग्रामीण परिवार अब नल के पानी से जुड़े हुए हैं जो इस 15 अगस्त 2019 को इस परिवर्तनकारी मिशन के शुभारंभ के समय केवल 17 प्रतिशत था।