श्री पीयूष गोयल ने घरेलू सामान उद्योग को वैश्विक चैंपियन बनने को कहा; पीएलआई योजना का अर्थ उस दिशा में केवल प्रारंभिक प्रोत्साहन देना है : पीयूष गोयल
घरेलू सामान उद्योग में पीएलआई भारत, उद्योग और लोगों के लिए लाभकारी : श्री गोयल
श्री गोयल ने योजना की सफलता पर प्रसन्नता व्यक्त की; 14 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में 111 स्थानों पर 61 कंपनियों ने कंपोनेंट निर्माण संयंत्र लगाए और रोजगार पैदा किया
उद्योग ने पीएलआई योजना की सराहना करते हुए कहा- भारत को वैश्विक मूल्य श्रृंखला में लाने के लिए मजबूत कंपोनेंट्स इकोसिस्टम बनाया जाएगा
सरकार ने घरेलू सामान उद्योग में पीएलआई पर निवेशकों का गोलमेज सम्मेलन आयोजित किया, 61 पीएलआई लाभार्थियों के सीईओ ने भविष्य का फीडबैक दिया
घरेलू सामान उद्योग में कार्य प्रदर्शन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना (पीएलआई) भारत, उद्योग तथा लोगों के लिए लाभकारी है। नई दिल्ली में घरेलू सामान उद्योग के लिए पीएलआई पर उच्च स्तरीय उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआईआईटी) फिक्की निवेशक गोलमेज सम्मेलन में माननीय वाणिज्य और उद्योग, उपभोक्ता कार्य, सार्वजनिक वितरण और कपड़ा मंत्री श्री पीयूष गोयल ने कहा कि पीएलआई योजना का उपयोग केवल इसलिए किया जा रहा है कि उद्योग को वैश्विक बाजार में स्पर्धा करने की दिशा में पहला कदम उठाने के लिए प्रोत्साहित किया जाए और व्यापार को व्यापक बनाने में प्रारंभिक सहयोग दिया जाए। उन्होंने सब्सिडी समाप्त करके एलईडी क्रांति का उदारण दिया। उन्होंने कहा, “दीर्घकालिक दृष्टि से कोई भी देश सरकारी समर्थन के बल पर एक समृद्ध देश बनने में सफल नहीं हुआ है। 2015 के एलईडी कार्यक्रम में फाइल पर मेरा पहला निर्णय ईईएसएल द्वारा बल्ब पर दी गई सब्सिडी हटाने का था, क्योंकि बजट सिर्फ 9 करोड़ रुपए था, इसलिए सभी लोग सब्सिडी की प्रतीक्षा करने लगे और हम एक वर्ष में 6 सौ हजार बल्ब से आगे नहीं बढ़ सके। सब्सिडी समाप्त किए जाने के बाद हम उद्योग को एलईडी बल्बों की बिक्री का विस्तार प्रारंभ करने के लिए प्रोत्साहित कर सकते हैं।” एलईडी उत्पाद बड़े पैमाने पर आने से एलईडी की कीमतों में काफी कमी आई है।
श्री गोयल ने एसी और एलईडी क्षेत्र की मुक्त व्यापार क्षेत्रों के लिए मार्ग खोलने की मांग पर प्रसन्नता व्यक्त की और कहा कि उद्योग को अब अपना लक्ष्य वैश्विक चैंपियन बनने का रखना चाहिए। उन्होंने कहा, “आप वैश्विक चैंपियन बनना चाहते हैं। आप मजबूत स्थिति से शेष दुनिया के साथ समान स्तर पर स्पर्धा करना चाहते हैं। भारत कमजोर देश नहीं है। हम रियायतों की तलाश में नहीं हैं। हम किसी स्पर्धा से डरते नहीं हैं। इस कमरे से शेष दुनिया को यही संदेश जाना चाहिए।”
श्री गोयल ने कहा कि पीएलआई पहल संकट को अवसर में बदलने के प्रधानमंत्री के विजन का हिस्सा है। घरेलू सामान उद्योग में पीएलआई की सफलता पर उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त की और कहा कि 14 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के 111 स्थानों पर 61 कंपनियों द्वारा कंपोनेंट मैन्युफैक्चरिंग संयंत्र स्थापित किए गए और इनसे रोजगार सृजन हो रहा है। श्री गोयल ने कहा कि एयरकंडीशनिंग तथा एलईडी पर फोकस के साथ घरेलू सामान उद्योग पहला क्षेत्र था जिसे घरेलू मैन्युफैक्चरिंग को प्रोत्साहित करने के लिए आसान समझा गया। श्री गोयल ने कहा कि अमृतकाल के अगले 25 वर्षों के दौरान भारत एक समृद्ध राष्ट्र होगा, विश्व के विकास को गति देगा।
भारत सरकार के उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग के सचिव श्री अनुराग जैन ने कहा कि घरेलू सामान उद्योग के लिए पीएलआई की प्रस्तुत यात्रा को देखते हुए एक बात स्पष्ट हुई। यह थी सरकार और उद्योग के बीच संयुक्त साझेदारी और विश्वास। श्री जैन ने यह भी कहा कि उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग स्थानीय और केंद्र सरकार के अधिकारियों के साथ समस्याओं को हल करने में सहायता देगा ताकि इन परियोजनाओं के लिए मंजूरी और अनुमति में कोई अनुचित देरी न हो।
उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग के अपर सचिव श्री अनिल अग्रवाल ने फिक्की की इलेक्ट्रॉनिक्स और व्हाइट गुड्स समिति तथा आरएएमए, सीईएएमए, ईएलसीओएमए और ईएलसीआईएनए जैसे क्षेत्रीय उद्योग संघों की सराहना करते हुए कहा कि घरेलू सामान उद्योग के लिए पीएलआई के प्रति उद्योग की प्रतिक्रिया आश्चर्यजनक रही है और हमें विश्वास है कि इससे 2029 तक उद्योग में मूल्य संवर्धन वर्तमान 25 प्रतिशत से बढ़कर 75-80 प्रतिशत हो जाएगा। इस गोलमेज सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य लाभार्थियों से फीड बैक प्राप्त करना और आगे की यात्रा सुगम बनाना है।
घरेलू सामान उद्योग के लिए पीएलआई की यात्रा को साझा करते हुए श्री अग्रवाल ने कहा कि 61 कंपनियां 14 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में 111 स्थानों पर कंपोनेंट निर्माण संयंत्र स्थापित कर रही हैं। कंप्रेशर, आईडीयू/ओडीयू के लिए कंट्रोस असेंबली, एयरकंडीशनरों तथा एलईडी ड्राइवर्स के लिए एल्युमिनियम स्टॉक, कॉपर ट्यूब, मेटल क्लेड पीसीबी सहित मैकेनिकल हाउसिंग तथा पीसीबी जैसे घटकों के लिए महत्वपूर्ण क्षमताएं आ रही हैं। इस तरह की पहल से देश में एक मजबूत घटक इकोसिस्टम बनेगा। 15 परियोजनाएं चालू की जा चुकी हैं।
फिक्की के महानिदेशक श्री अरुण चावला ने कहा कि उद्योग जगत में हम सभी स्थानीय मूल्य और आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत बनाने तथा घरेलू सामान उद्योग क्षेत्र की आपूर्ति श्रृंखला में भारत की भूमिका ब़ढ़ाने के लक्ष्य के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। फिक्की के वरिष्ठ उपाध्यक्ष श्री शुभ्रकांत पांडा ने कहा कि घटकों पर फोकस करने के अपने लाभ हैं। यह आपूर्ति श्रृंखला में पूर्व अनुमान की संभावना लाएगा। यह ऐसा लाभ है जो आज के अनिश्चित समय में बाजार में बने रहने और कब्जा करने के लिए जरूरी है।
फिक्की की इलेक्ट्रॉनिक्स और व्हाइट गुड्स मैन्युफैक्चरिंग समिति के अध्यक्ष श्री मनीष शर्मा ने कहा कि हमारी उपलब्धियां सरकार और उद्योग की निरंतर बातचीत का परिणाम हैं। इससे सरकार और निवेशकों दोनों का विश्वास बढ़ा है। फिक्की की इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग समिति के सह-अध्यक्ष श्री जसबीर सिंह ने कहा कि उद्योग संवर्धन और आतंरिक व्यापार विभाग ने काफी कम समय में सुविचारित और विशिष्ट रूप से बनी योजना को प्रारंभ किया। उद्योग सरकार की अपेक्षाओं को पूरा करेगा तथा भारत को वैश्विक मूल्य श्रृंखला का हिस्सा बनाने कि लिए एक मजूबत घटक इकोसिस्टम बनाएगा।
घरेलू सामान उद्योग के लिए पीएलआई पर निवेशकों का गोलमेज सम्मेलन का आयोजन संयुक्त रूप से डीपीआईआईटी और फिक्की द्वारा आरएएमए, सीईएएमए, ईएलसीओएमए तथा ईएलसीआईएनए के सहयोग से किया गया। सम्मेलन में घरेलू सामान उद्योग के 61 पीएलआई लाभार्थियों के सीईओ ने भाग लिया।
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 7 अप्रैल, 2021 को 6,238 करोड़ रुपए के परिव्यय के साथ वित्त वर्ष 2021-22 से वित्त वर्ष 2028-29 तक घरेलू सामान (एयर कंडीशनर और एलईडी लाइट) के लिए उत्पाद से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना को मंजूरी दी थी। कुल 61 आवेदकों को मंजूरी दी गई है और एसी तथा एलईडी लाइट उद्योग घटक निर्माण इकोसिस्टम में 6,632 करोड़ रुपए का निवेश करने और लगभग 46,368 रोजगार के प्रत्यक्ष अवसर उत्पन्न होने की उम्मीद है। इस योजना से पांच वर्षों में लगभग 1,22,671 करोड़ रुपए के एसी और एलईडी लाइटों के घटकों का कुल उत्पादन होने की आशा है।
पीएलआई के अंतर्गत किए गए निवेश पूरे भारत में फैले हैं, जो देश के संतुलित आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करेंगे। ये इकाइयां गुजरात, आंध्र प्रदेश, गोवा, हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, कर्नाटक, महाराष्ट्र, तेलंगाना, तमिलनाडु, हरियाणा, राजस्थान और पश्चिम बंगाल तथा एक केंद्र शासित प्रदेश दमन और दीव में हैं।