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केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण और गुजरात के मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्रभाई पटेल ने गांधीनगर में सार्वजनिक उद्यम विभाग द्वारा आजादी का अमृत महोत्सव के उत्सव के हिस्से के रूप में “राष्ट्र निर्माण में केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उदयमों-सीपीएसई के योगदान” विषय पर प्रदर्शनी का उद्घाटन किया

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सरकार नई सार्वजनिक क्षेत्र की नीति के अनुसार प्रमुख क्षेत्रों में सीपीएसई के योगदान का समर्थन करेगी: वित्त मंत्री श्रीमती सीतारमण

गिफ्ट सिटी में सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों और वित्तीय विकास के लिए असीमित अवसर उपलब्ध हैं : मुख्यमंत्री

प्रदर्शनी जनता के लिए 10 से 12 जून, 2022 तक खुली रहेगी
केंद्रीय वित्त और कॉर्पोरेट कार्य मंत्री, श्रीमती निर्मला सीतारमण और गुजरात के मुख्यमंत्री, श्री भूपेंद्रभाई पटेल ने वित्त मंत्रालय के सार्वजनिक उद्यम विभाग (डीपीई) द्वारा ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ (एकेएएम) सप्ताह समारोह के एक भाग के रूप में महात्मा मंदिर, गांधीनगर में ‘राष्ट्र निर्माण में केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों-सीपीएसई के योगदान’ पर एक प्रदर्शनी का उद्घाटन किया।

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इस आयोजन के दौरान प्रदर्शनी का शुभारंभ हुआ जिसमें 75 सीपीएसई राष्ट्र निर्माण में अपने योगदान का प्रदर्शन कर रहे हैं। यह प्रदर्शनी 10 से 12 जून, 2022 (सवेरे 10 बजे से शाम 7 बजे तक) जनता के लिए खुली रहेगी। गांधीनगर में नेहरू नगर, वटवा इंडस्ट्रीज एसोसिएशन कार्यालय, पालड़ी बस स्टेशन, नरोदा इंडस्ट्रीज एसोसिएशन, कर्णावती क्लब एसजी हाईवे जैसे विभिन्न स्थानों से निशुल्क शटल सेवाएं प्रदान की जा रही हैं।

केंद्रीय वित्त मंत्री ने प्रदर्शनी को सफलतापूर्वक आयोजित करने के लिए डीपीई को बधाई दी। श्रीमती सीतारमण ने कहा, “इतिहास को पीछे छोड़ते हुए, सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों (पीएसई) ने देश के लिए दीर्घकालिक परियोजनाओं के रूप में बड़े निवेश, बुनियादी ढांचे के विकास को शुरू करने के लिए एक बहुत ही स्पष्ट समझ के साथ शुरुआत की, जो अभी औपनिवेशिक शासन के बाहर निकल कर सामने आई है।”

इसके अलावा, वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार की मंशा नई सार्वजनिक क्षेत्र की नीति के अनुसार प्रमुख क्षेत्रों में सीपीएसई के योगदान का समर्थन करना है। उन्होंने यह भी कहा कि सामान्य भलाई वाले क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए, सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों की क्षमता निर्माण और विविधीकरण के लिए सार्वजनिक धन के उचित उपयोग के लिए यह आवश्यक है।

श्रीमती सीतारमण ने कहा, “मैं दृढ़ता के साथ अनुशंसा करती हूं कि सार्वजनिक क्षेत्र बजट 2020-21 की नई सार्वजनिक क्षेत्र की उद्यम नीति के अनुसार पहचाने गए मुख्य क्षेत्र में जारी रहने वाले सार्वजनिक क्षेत्र को अब अवसरों, विकास के नए क्षेत्रों, संभावनाओं को बढ़ाने और यह देखने की आवश्यकता होगी कि वेब 3.0, औद्योगिक क्रांति 4.0 और डीप डेटा डाइविंग से सीपीएसई कैसे लाभान्वित हो सकते हैं।”

इस अवसर पर अपने संबोधन में, गुजरात के मुख्यमंत्री श्री भूपेन्द्र पटेल ने कहा, “आजादी का अमृत महोत्सव का उत्सव भारत की आजादी के 75 वर्ष पूरे होने के अवसर पर मनाया जा रहा है जो हमारे देश की सफलता की कहानी बताता है और सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों ने भारत के समग्र विकास में बहुआयामी भूमिका निभाई है।” यह बताते हुए कि गिफ्ट सिटी में पीएसई और वित्तीय विकास के लिए अनंत अवसर हैं, उन्होंने इन कंपनियों को अवसरों की तलाश करने और ‘गिफ्ट सिटी’ में निवेश करने के लिए आमंत्रित किया।

इस समारोह में सीपीएसई के 2 टाउनशिप अर्थात एनटीपीसी, सोलापुर और बीईएल, बैंगलोर को मिनी स्मार्ट सिटी के रूप में बदलने का उद्घाटन समारोह भी शामिल था। आजादी का अमृत महोत्सव समारोह के हिस्से के रूप में 15 सीपीएसई द्वारा कुल 27 टाउनशिप को मिनी-स्मार्ट सिटी के रूप में परिवर्तित करने की योजना है।

इस अवसर पर सार्वजनिक उद्यम विभाग के सचिव श्री अली आर. रिज़वी; श्री पंकज जोशी, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त मुख्य सचिव, गुजरात सरकार; श्री एस.के.जैन, संयुक्त सचिव, डीपीई; श्रीमती सोमा मंडल, अध्यक्ष, स्कोप और अध्यक्ष, सेल और श्री अमिताभ बनर्जी, अध्यक्ष, स्कोप एकम समिति और सीएमडी, आईआरएफसी, के अलावा विभिन्न मंत्रालयों / विभागों के अंतर्गत केंद्रीय और राज्य सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों (सीपीएसई) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी, निदेशक और अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे।

प्रदर्शनी के साथ-साथ, ‘आत्मनिर्भर भारत के लिए सीपीएसई की भूमिका’ विषय पर एक मुख्य कार्यकारी अधिकारी गोलमेज सम्मेलन भी आयोजित किया गया था। इसमें लगभग 40 सीपीएसई के सीएमडी/निदेशकों ने भाग लिया और आत्मनिर्भर भारत की ओर ले जाने के लिए सीपीएसई के लिए एक रूपरेखा तैयार करने के लिए उनके बीच एक संवाद भी आयोजित किया गया। सीपीएसई के लिए एक बेहतर कारोबारी माहौल को बढ़ावा देने और व्यापार भागीदारों के साथ उनके जुड़ाव को सुगम बनाने के लिए कार्यशालाओं की एक श्रृंखला की भी योजना बनाई गई है।

आकांक्षी जिलों पर विशेष ध्यान देने के साथ सीएसआर, सीपीएसई की वार्षिक मूल्यांकन प्रणाली, सूक्ष्म और लघु उद्यमों (एमएसई), सरकारी ई-मार्केटप्लेस (जीईएम) से खरीद जैसे मुद्दों पर कार्यशालाओं की एक श्रृंखला भी आयोजित की जा रही है। कार्यशालाओं का उद्देश्य सभी हितधारकों को एक साथ एक मंच पर लाना है ताकि भविष्य की कार्रवाई में अनुभव साझा किया जा सके और रणनीति बनाई जा सके।

प्रतिष्ठित सप्ताह के हिस्से के रूप में, डीपीई ने एक अखिल भारतीय वृक्षारोपण अभियान का आयोजन भी किया है, जिसमें सीपीएसई द्वारा 6 से 12 जून 2022 तक अपने कार्यालयों, टाउनशिप, उत्पादन इकाइयों आदि में 75000 पौधे लगाए जा रहे हैं।