जम्मू कश्मीर में रामबन जिले के अंतर्गत जम्मू-श्रीनगर राजमार्ग पर 19 मई, 2022 को खूनी नाले में हुई दुर्घटना की जांच के लिए विशेषज्ञों की समिति गठित की गई
रामबन बनिहाल खंड के डिगडोले और खूनी नाला के बीच का खंड भू-विज्ञान की दृष्टि से काफी संवेदनशील है और यहां बार-बार भूस्खलन/पत्थर गिरने का खतरा रहता है। श्रीनगर के लिए सभी मौसमों में संपर्क सुविधा बनाए रखने के रणनीतिक महत्व को ध्यान में रखते हुए और मौजूदा मार्गों पर पहाड़ी ढलानों की स्थिरता सुनिश्चित करने में चुनौतियों का आकलन करने के बाद, रामबन बनिहाल खंड में 3 पैकेजों के तहत सुरंगों/सेतु मार्ग निर्माण का प्रस्ताव है। जम्मू-श्रीनगर राजमार्ग पर डिगडोले से पंथ्याल तक 4-लेन में दोहरी ट्यूब टनल का काम मैसर्स सीगल इंडिया लिमिटेड को पटेल इंजीनियरिंग लिमिटेड के साथ संयुक्त उद्यम के तहत सौंपा गया था। निर्माण कार्य पहली फरवरी 2022 को शुरू हुआ था।
19.05.2022 को रात करीब 10.30 से 11 बजे तक भूस्खलन और पत्थरों का गिरना शुरू हुआ, उसी समय खूनी नाले में सुरंग में आने-जाने के मार्ग के प्रवेशमार्ग पर खम्बे खड़े करने का कार्य किया जा रहा था। इससे पहले कि श्रमिकों को बाहर निकाला जा सके, तभी अचानक से सुरंग में आने-जाने के मार्ग के निर्माण के लिए बनाए गए कृत्रिम स्टील पोर्टल के ऊपर विशाल चट्टान गिर गई, जिससे 12 श्रमिक उस स्थान पर फंस गए। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के वरिष्ठ अधिकारी तुरंत मौके पर पहुंचे और एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, जम्मू-कश्मीर पुलिस ने तुरंत संयुक्त रूप से बचाव कार्य शुरू कर दिया।
दो श्रमिकों को तत्काल बचाया गया और अस्पताल में भर्ती कराया गया; और उन्हें हर संभव चिकित्सा सहायता प्रदान की जा रही है। बीच-बीच में पत्थर गिरने और खराब मौसम के कारण बचाव कार्य में बाधा आई। फंसे हुए मजदूरों की जान नहीं बच सकी और कल शाम तक फंसे हुए 10 मजदूरों के शव बरामद कर लिए गए। घटना में मारे गए कामगारों के परिजनों को ईपीसी ठेकेदार द्वारा कुल 15 लाख रूपये की राशि दी जा रही है। इसमें मुआवजा और दो लाख रूपये की अतिरिक्त अनुग्रह राशि शामिल है। घायलों को भी उचित मुआवजा दिया जा रहा है। इसके अलावा, केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन ने 1 लाख रुपये की अनुग्रह राशि की घोषणा की है। यह अभी तक निश्चित नहीं हो पाया है कि यह घटना कार्य निष्पादित होने के कारण हुई या फिर प्राकृतिक कारणों से हुई थी।
केंद्र सरकार द्वारा तीन जाने-माने स्वतंत्र विशेषज्ञों वाली समिति का गठन किया गया है, जो पहले ही भूस्खलन के कारणों और इससे बचाव के उपायों की जांच के लिए घटनास्थल पर पहुंच चुकी है। समिति की रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने ऐसी आपात स्थिति से निपटने के लिए पहले ही प्रक्रिया शुरू कर दी है और भविष्य में इस तरह की दुर्घटना से बचने के लिए हर संभव उपाय भी कर रहा है।