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उत्तर पूर्वी क्षेत्र में अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा देने की अपार संभावनाएं हैं – श्री धर्मेंद्र प्रधान

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यह कॉन्क्लेव उद्योग जगत, शिक्षाविदों और नीति निर्माताओं के बीच के संबंधों को मजबूत करेगा: केन्द्रीय शिक्षा मंत्री

एनईआरसी 2022 भारत और दुनिया की अनुसंधान एवं विकास संबंधी प्राथमिकताओं को पूरा करने की दिशा में एक वैश्विक मानदंड साबित होगा: श्री धर्मेंद्र प्रधान

केन्द्रीय शिक्षा मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान ने आईआईटी, गुवाहाटी में नॉर्थ ईस्ट रिसर्च कॉन्क्लेव 2022 का उद्घाटन किया

केन्द्रीय शिक्षा और कौशल विकास मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान ने आज आईआईटी, गुवाहाटी में नॉर्थ ईस्ट रिसर्च कॉन्क्लेव (एनईआरसी) 2022 का उद्घाटन किया। श्री प्रधान ने अपने संबोधन में कहा कि यह कॉन्क्लेव उद्योग जगत, शिक्षाविदों और नीति निर्माताओं के बीच के संबंधों को मजबूत करेगा और संसाधन संपन्न उत्तर पूर्वी क्षेत्र के राज्यों तथा देश में अनुसंधान, स्टार्ट-अप और उद्यमिता से जुड़े इकोसिस्टम को और सुदृढ़ करेगा।

 

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अनुसंधान के महत्व पर चर्चा करते हुए, शिक्षा मंत्री ने कहा कि अनुसंधान का उद्देश्य देश की गंभीर समस्याओं का समाधान खोजना और सभी लोगों को एक साथ आने, एक साथ काम करने और सबसे कमजोर लोगों के कल्याण के लिए एक साथ उत्पादन करने के लिए प्रोत्साहित करना होना चाहिए। उन्होंने कहा कि एनईआरसी 2022 भारत और दुनिया की अनुसंधान एवं विकास संबंधी प्राथमिकताओं को पूरा करने की दिशा में एक वैश्विक मानदंड साबित होगा। श्री प्रधान ने युवाओं और छात्रों से देश को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए ‘कर्तव्यों और जिम्मेदारियों के पथ पर चलने’ की अपील की।

केन्द्रीय मंत्री ने बताया कि अनुसंधान से जुड़े इकोसिस्टम को मजबूत करने, जमीनी स्तर पर नवाचार को प्रोत्साहित करने और भारत को आत्मनिर्भरता की ओर ले जाने के लिए सरकार एनईपी 2020 के सिफारिशों के अनुरूप 50,000 करोड़ रुपये के प्रस्तावित परिव्यय के साथ राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन स्थापित करने की प्रक्रिया में है। उन्होंने यह भी कहा कि उत्तर पूर्वी क्षेत्र में अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा देने की अपार संभावनाएं हैं।

असम के मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्वा सरमा ने अपने संबोधन में कहा कि भारत जैसे तेजी से विकासशील राष्ट्र के लिए अनुसंधान और विकास बेहद महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने कहा कि एक प्रगतिशील समाज में अनुसंधान और विकास को हमेशा निर्माण के मौलिक तत्व के रूप में माना जाता है क्योंकि यह नवाचार की प्रक्रिया और हमारे ज्ञान एवं समझ के विस्तार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

शिक्षा राज्यमंत्री श्री राजकुमार रंजन सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि नॉर्थ-ईस्ट रिसर्च कॉन्क्लेव उद्यमियों और अनुसंधान संस्थानों के लिए अपने नवाचारों को प्रदर्शित करने का एक मंच है। उन्होंने कहा कि यह उत्तर पूर्वी क्षेत्र के लिए एक बेहद ही उपयोगी पहल है जो नीति निर्माताओं, उद्योगपतियों और शोधकर्ताओं को एक ही मंच पर लाता है। उन्होंने कहा कि इस वृहद आयोजन का इस क्षेत्र के शैक्षिक परिदृश्य पर व्यापक प्रभाव पड़ेगा।

एनईआरसी कॉन्क्लेव को संबोधित करते हुए, शिक्षा राज्यमंत्री डॉ. सुभाष सरकार ने कहा कि सरकार देश के हर हिस्से में शिक्षा की उन्नति के लिए काम कर रही है।

केन्द्रीय पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री श्री सर्बानंद सोनोवाल ने अपने संबोधन में कहा कि नॉर्थ ईस्ट रिसर्च कॉन्क्लेव युवा पीढ़ी को निकट भविष्य में अपने सपनों को पूरा करने में मदद करेगा।

इस अवसर पर, असम सरकार और आईआईटी, गुवाहाटी के बीच एक समझौता ज्ञापन ‘असम एडवांस्ड हेल्थ इनोवेशन इंस्टीट्यूट (एएएचआई)’ पर भी हस्ताक्षर किए गए।

आज के इस कार्यक्रम में, पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस राज्यमंत्री श्री रामेश्वर तेली,  श्री रानोज पेगू, शिक्षा मंत्री, असम सरकार, श्री केशब महंत, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री, असम सरकार, श्रीमती क्वीन ओझा, सांसद, लोक सभा और प्रोफेसर टी.जी. सीताराम, निदेशक, आईआईटी, गुवाहाटी भी अन्य गणमान्य व्यक्तियों के साथ उपस्थित थे।

नॉर्थ ईस्ट रिसर्च कॉन्क्लेव 2022 का आयोजन उत्तर पूर्वी भारत के सभी राज्यों के शैक्षणिक एवं अनुसंधान संस्थानों के अनुसंधान एवं विकास संबंधी सर्वश्रेष्ठ गतिविधियों को प्रदर्शित करने के लिए किया जा रहा है। यह कॉन्क्लेव उत्तर पूर्वी भारत में अकादमिक और उद्योग जगत के बीच संवाद के लिए एक साझा इंटरफेस बनाने की भी कोशिश करेगा। यह कॉन्क्लेव स्थानीय  स्वदेशी प्रौद्योगिकियों और नवाचारों के विकास के लिए अनुकूल माहौल बनाने, उद्यमिता के लिए संभावना तलाशने एवं आधार तैयार करने और अंतरदेशीय अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए प्रतिभा के एक विशाल भंडार को संयोजित करने की दिशा में भी काम करेगा।