राजस्थान के एक नवप्रवर्तनक श्री सुभाष ओला, जिन्होंने भाप को रिसाइकल करके बॉयलरों में ऊर्जा बचाने की तकनीक विकसित की है, ने अमेज़ॅन संभव उद्यमिता चुनौती 2022 के लिए प्रथम पुरस्कार जीता है और उनके ही उद्यम “जीनियसएनर्जी क्रिटिकल इनोवेशन प्राइवेट लिमिटेड” को वर्ष का स्टार्ट-अप पुरस्कार मिला है।“
इस प्रौद्योगिकी को पहले खोया और अन्य दुग्ध उत्पाद तैयार करने के लिए विकसित किया गया था और इसके अनुप्रयोगों के पोर्टफोलियो को बाद में कपड़ा, दूध और भोजन, फार्मा, प्लाईवुड, पेपर मिल, चमड़ा उद्योग, रसायन उद्योग, गर्म पानी बॉयलर जनरेटर, प्लास्टिक रीसायकल, कपड़े धोने और अस्पतालों इत्यादि के लिए बढ़ा दिया गया था।
श्री ओला का उद्यम विभिन्न उद्योगों में उपयोग के लिए प्रौद्योगिकी को अनुकूलित करता है और उपयोग की गई ऊर्जा को बचाने के लिए इसे उद्योग विशेष के मौजूदा बॉयलर बुनियादी ढांचे के साथ एकीकृत करता है। प्रयुक्त भाप को विशेष उपकरणों में गुरुत्वाकर्षण के माध्यम से घनीभूत पानी के साथ बॉयलर में प्रयोग किया जाता है। क्लोज-सर्किट डिज़ाइन लीकेज को बढ़ाता है जिससे अतिरिक्त पानी की आवश्यकता कम हो जाती है।
जीनियसएनर्जी क्रिटिकल इनोवेशन, सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त एक स्टार्ट-अप है जिसका इन्क्यूबेशन विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी), सरकार के एक स्वायत्त निकाय, नेशनल इनोवेशन फाउंडेशन–एनआईएफ द्वारा किया गया था। यह विभिन्न उद्योगों में ग्राहकों को उनकी ऊर्जा जरूरतों के लिए सेवा प्रदान करता हैI लागत कम करने में उनकी मदद करने के साथ-साथ पर्यावरण की रक्षा भी करता है।
उपलब्धि को जो बात और अधिक महत्वपूर्ण बनाती है, वह यह है कि श्री ओला हमारे देश के करीब 2000 उद्यमियों में से एक थे जिन्होंने इस स्टार्ट-अप ऑफ द ईयर पुरस्कार के लिए सभी प्रमुख क्षेत्रों में चाहे यह हेल्थकेयर हो अथवा फिनटेक, ई-कॉमर्स, ब्लॉकचैन, एडटेक, कंज्यूमर प्रोडक्ट्स, इमर्जिंग टेक (एआई, एमएल, आदि) और अन्य क्षेत्र रहे हों, के लिए देश भर में 240 शहरों का प्रतिनिधित्व किया।
श्री ओला को एनआईएफ से कई तरह का समर्थन मिला है। उन्हें वर्ष 2015 में नेशनल इनोवेशन फाउंडेशन – एनआईएफ के 8वें द्विवार्षिक राष्ट्रीय ग्रासरूट इनोवेशन एंड आउटस्टैंडिंग ट्रेडिशनल नॉलेज अवार्ड से सम्मानित किया गया था और उन्हें राष्ट्रपति भवन के इनोवेशन स्कॉलर-इन-रेसिडेंस प्रोग्राम के चौथे बैच का हिस्सा बनने के लिए भी आमंत्रित किया गया था।
इसी चुनौती में, एनआईएफ द्वारा इनक्यूबेट किया गया एक अन्य उद्यम, नोशन टेक्नोक्रेट्स इंडिया, जिसने हीट एक्सचेंज के सिद्धांत पर आधारित एक कम लागत, ऊर्जा-कुशल, पर्यावरण के अनुकूल प्राकृतिक वाटर कूलर विकसित किया है, ने “भी मोस्ट प्रॉमिसिंग ग्रासरूट इनोवेशन स्टार्टअप” पुरस्कार जीता है।
यह उद्यम अहमदाबाद, गुजरात के श्री अरविंदभाई पटेल के स्वामित्व का है जो एक नवप्रवर्तक से उद्यमी बने हैं और प्राकृतिक वाटर कूलर का निर्माण और वितरण करते हैं। उन्हें वर्ष 2013 में नेशनल इनोवेशन फाउंडेशन – एनआईएफ के 7वें नेशनल ग्रासरूट इनोवेशन एंड आउटस्टैंडिंग ट्रेडिशनल नॉलेज अवार्ड्स से सम्मानित किया गया था। उनके नाम पर एक पेटेंट भी दिया गया था। समकालीन जरूरतों को पूरा करने के लिए प्रौद्योगिकी को निरंतर परिष्कृत किया जा रहा है और उसके लिए भी एक और पेटेंट मागा गया था।
श्री सुभाष ओला और श्री अरविंदभाई पटेल दोनों को एनआईएफ द्वारा उनकी प्रौद्योगिकियों, उत्पाद विकास में मूल्यवर्धन और कार्यशील पूंजी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए और एमवीआईएफ (माइक्रो वेंचर इनोवेशन फंड), एक पूर्ववर्ती फंड के माध्यम से भी समर्थन दिया गया था।
सभी प्रतिभागियों और चुनौती के विजेताओं को बधाई देते हुए एनआईएफ के निदेशक डॉ. विपिन कुमार ने जोर देकर कहा कि इस तरह की पहल से देश के लाखों अन्य नवोन्मेषकों द्वारा स्वयम को नवाचार और उद्यमिता पारिस्थितिकी तंत्र से जोड़ने के लिए प्रेरित किया जाएगा।
अमेज़ॅन इंडिया के सेलिंग पार्टनर सर्विसेज के निदेशक सुमित सहाय ने कहा कि “भारत के छोटे व्यवसायों ने रास्ता दिखाया है और अन्य लोगों द्वारा इनके अनुसरण और इससे प्रेरित होने के लिए जमीनी स्तर पर नवाचार में नए मानक तैयार किए हैं। “उन्होंने कहा कि “ये पुरस्कार आत्मनिर्भर भारत को एक वास्तविकता बनाने के लिए नवाचार और प्रौद्योगिकी के तालमेल का ही उत्सव मनाते हैं”।
श्री सुभाष ओला को वर्ष 2015 में एनआईएफ के 8वें द्विवार्षिक राष्ट्रीय ग्रासरूट इनोवेशन एंड आउटस्टैंडिंग ट्रेडिशनल नॉलेज अवार्ड से भी सम्मानित किया गया था।