उन्नीस कंपनियों ने व्हाइट गुड्स (एसी और एलईडी लाइट) के लिए पीएलआई योजना के दूसरे दौर में आवेदन दाखिल किए
प्रमुख वैश्विक और घरेलू कंपनियों ने 1,548 करोड़ रुपये के निवेश की प्रतिबद्धता जताई
अगले 5 वर्षों में 26,880 करोड़ रुपये के पुर्जों के उत्पादन की उम्मीद
घरेलू मूल्य संवर्धन वर्तमान 15-20 प्रतिशत से बढ़कर 75-80 प्रतिशत हो जाएगा: आत्मनिर्भर भारत को एक बड़ा प्रोत्साहन
व्हाइट गुड्स (एसी और एलईडी लाइट्स) के लिए प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआई) योजना के लिए 1,548 करोड़ रुपये के प्रतिबद्ध निवेश के साथ उन्नीस कंपनियों ने आवेदन के दूसरे दौर में आवेदन दायर किए हैं। इसमें एसी पुर्जों के लिए 8 कंपनियां और एलईडी लाइट्स के लिए 11 कंपनियां शामिल हैं। अगले 5 वर्षों में, इन 19 कंपनियों से लगभग 26,880 करोड़ रुपये के एसी और एलईडी लाइट के पुर्जों का उत्पादन हासिल करने और 5,522 व्यक्तियों के लिए प्रत्यक्ष रोजगार सृजित करने की उम्मीद है।
एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स, मित्सुबिशी इलेक्ट्रिक, अडानी कॉपर ट्यूब्स, जिंदल पॉली फिल्म्स, क्रॉम्पटन ग्रीव्स, विप्रो, ज़ेको एयरकॉन, स्टारियन इंडिया और स्वामीनाथन एंटरप्राइजेज जैसी कई कंपनियां उन कंपनियों में शामिल हैं, जिन्होंने एयर कंडीशनर और एलईडी लाइट्स के पुर्जों के निर्माण के लिए आवेदन किया है।
उन पुर्जों के उत्पादन के लिए आवेदन दायर किए गए हैं जो वर्तमान में पर्याप्त क्षमता के साथ भारत में निर्मित नहीं हैं। एयर कंडीशनर के लिए, कंपनियां कॉपर टयूबिंग, कम्प्रेसर, आईडीयू या ओडीयू के लिए कंट्रोल असेंबली, हीट एक्सचेंजर्स और बीएलडीसी मोटर सहित अन्य पुर्जों का निर्माण करेंगी। इसी तरह, एलईडी लाइट्स के लिए एलईडी चिप पैकेजिंग, एलईडी ड्राइवर्स, एलईडी इंजन, एलईडी लाइट मैनेजमेंट सिस्टम और कैपेसिटर्स आदि के लिए मेटलाइज्ड फिल्मों का निर्माण भारत में किया जाएगा।
कुल मिलाकर, यह योजना एसी और एलईडी लाइट उद्योग के पुर्जे निर्माण इको-सिस्टम में 7,074 करोड़ रुपये का निवेश लाएगी और लगभग 2 लाख प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर पैदा करेगी। इस योजना से भारत में करीब 1,07,134 करोड़ रुपये मूल्य के एसी और एलईडी के पुर्जों के उत्पादन की उम्मीद है।
प्रधानमंत्री के ‘आत्मनिर्भर भारत’ के आह्वान ने विनिर्माण को अहम स्थान दिला दिया है और भारत के विकास और रोजगार सृजन में इसके महत्व पर जोर दिया है। तदनुसार, 11.11.2020 को, माननीय प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने भारत की विनिर्माण क्षमताओं और निर्यात बढ़ाने के लिए 1,45,980 करोड़ रुपये के कुल परिव्यय के साथ 10 प्रमुख क्षेत्रों के लिए प्रोडक्शन-लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआई) योजना शुरू करने की मंजूरी दे दी। ये 10 क्षेत्र उन 3 क्षेत्रों के अतिरिक्त हैं जिनके लिए मंत्रिमंडल ने अप्रैल 2020 में मंजूरी दी थी। इनमें मोबाइल निर्माण और निर्दिष्ट इलेक्ट्रॉनिक पुर्जों, काम की प्रमुख दवा का कच्चा माल और एपीआई, और चिकित्सा उपकरणों के लिए पीएलआई योजनाएं शामिल हैं। व्हाइट गुड्स (एयर कंडीशनर और एलईडी लाइट्स) क्षेत्र 6,238 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ 10 प्रमुख क्षेत्रों में से एक है।
प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने 6238 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ वित्त वर्ष 2021-22 से वित्त वर्ष 2028-29 तक व्हाइट गुड्स (एयर कंडीशनर और एलईडी लाइट) के लिए प्रोडक्शन-लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआई) योजना को 7 अप्रैल 2021 को मंजूरी दी थी। योजना को डीपीआईआईटी द्वारा 16.04.2021 को अधिसूचित किया गया था। योजना के दिशा-निर्देश 4 जून 2021 को प्रकाशित किए गए थे।
व्हाइट गुड्स पर पीएलआई योजना भारत में एयर कंडीशनर और एलईडी लाइट्स उद्योग के लिए सम्पूर्ण पुर्जे इकोसिस्टम बनाने और भारत को वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला का एक अभिन्न अंग बनाने के लिए तैयार की गई है। यह योजना वृद्धिशील आधार पर 6% से 4% की प्रोत्साहन राशि प्रदान करती है। आधार वर्ष के बाद पांच (5) वर्ष की अवधि के लिए और एक वर्ष की अवधि के लिए बिक्री। घरेलू मूल्यवर्धन वर्तमान 15-20% से बढ़कर 75-80% होने की उम्मीद है।
प्रारंभ में, 15 जून 2021 से 15 सितंबर 2021 तक ऑनलाइन आवेदन प्राप्त हुए थे। कुल 52 कंपनियों ने अपना आवेदन दायर किया था। सभी आवेदनों के मूल्यांकन के बाद, 4,614 करोड़ रुपये के प्रतिबद्ध निवेश वाले 42 आवेदकों को पीएलआई योजना के तहत लाभार्थियों के रूप में चुना गया था।
निवेश के लिए योजना दिशानिर्देशों के खंड 9.2 के तहत अतिरिक्त आवेदन आमंत्रित किए गए थे। आवेदनों के दूसरे दौर के लिए ऑनलाइन आवेदन विंडो 10 मार्च से 25 अप्रैल, 2022 तक की अवधि के लिए खुली थी।