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नागरिक उड्डयन मंत्रालय और हिमाचल प्रदेश सरकार ने मंडी के नागचला में हवाई अड्डे के निर्माण के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए

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भूमि अधिग्रहण को छोड़कर इस परियोजना की लागत लगभग 900 करोड़ रुपये है

नागरिक उड्डयन मंत्रालय और हिमाचल प्रदेश सरकार ने आज हिमाचल प्रदेश के मंडी जिला स्थित नागचला में एक ग्रीनफील्ड हवाई अड्डे के निर्माण के लिए समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए।

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नागरिक उड्डयन मंत्री श्री ज्योतिरादित्य एम सिंधिया और हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री जय राम ठाकुर ने अपनी उपस्थिति से इस समारोह की गरिमा बढ़ाई। इसके अलावा इसमें भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई), नागरिक उड्डयन मंत्रालय और हिमाचल प्रदेश सरकार के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे। इनमें नागरिक उड्डयन मंत्रालय के सचिव श्री राजीव बंसल, एएआई के अध्यक्ष श्री संजीव कुमार, नागरिक उड्डयन मंत्रालय की संयुक्त सचिव श्रीमती रूबिना अली, हिमाचल प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव श्री राम सुभाग सिंह, हिमाचल प्रदेश सरकार के पर्यटन व नागरिक उड्डयन विभाग के प्रमुख सचिव श्री देवेश कुमार, हिमाचल प्रदेश सरकार के एटीडीओ श्री दिनेश गुलेरिया, एएआई के सदस्य (नियोजन) श्री एके पाठक, सदस्य (वित्त) श्री के विनायक राव, एएआई के सदस्य (एएनएस) श्री एम सुरेश और ईडी (जेवीसी/पीपीपी) श्रीमती वी विद्या शामिल थीं।

मंडी के नागचला में नए हवाई अड्डे को नागरिक उड्डयन मंत्रालय की ग्रीनफील्ड हवाई अड्डा नीति के तहत विकसित किया जा रहा है। इसके लिए हिमाचल प्रदेश राज्य सरकार और भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के बीच एक संयुक्त उद्यम कंपनी का गठन किया गया है। इस हवाईअड्डे के लिए लगभग 515 एकड़ अनुमानित भूमि की जरूरत है। साथ ही, इस परियोजना पर भूमि की लागत को छोड़कर लगभग 900 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है।

इस अवसर पर श्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया ने कहा, “हम हिमाचल प्रदेश की जनता को सुदूर क्षेत्र तक कनेक्टिविटी (संपर्क) प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इस उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए हम हिमाचल प्रदेश में नए विमानन अवसंरचना के साथ-साथ मौजूदा सुविधाओं को उन्नत कर रहे हैंचाहे वह मंडी में नए ग्रीनफील्ड हवाईअड्डे का निर्माण हो या मौजूदा हवाईअड्डों पर रनवे के विस्तार के लिए अतिरिक्त भूमि का अधिग्रहण हो। इसके साथ ही हम इस क्षेत्र के आर्थिक विकास के लिए नागरिक उड्डयन को एक अगुआ के रूप में विकसित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

हिमाचल प्रदेश में 3 हवाईअड्डे यानी शिमला, कुल्लू व कांगड़ा और 5 हेलीपोर्ट यानी कांगनीधार, शिमला, रामपुर, बद्दी और एसएएसई (मनाली) को विकसित किया जा चुका है या इनका निर्माण किया जा रहा है। इनका काम पूरा होने के बाद राज्य के पर्यटन उद्योग को बड़े पैमाने पर बढ़ावा मिलेगा।