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पहले ग्लोबल आयुष इन्वेस्टमेंट एंड इनोवेशन समिट 2022 के दूसरे दिन तक 28 कंपनियों ने 6000 करोड़ रुपये निवेश करने की प्रतिबद्धता जताई है

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प्रतिबद्धता से 5.56 लाख से अधिक रोजगार सृजित होने और 76 लाख से अधिक लोगों के जीवन पर सकारात्मक प्रभाव पड़ने की उम्मीद है

आयुष मंत्रालय को 28 कंपनियों से 6000 करोड़ रुपए के आशय पत्र (एलओआई) मिले हैं।  इससे 5.5 लाख से अधिक रोजगार सृजित करने में मदद मिलेगी और 76 लाख से अधिक लोगों के जीवन पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। यह जानकारी आयुष मंत्रालय के सचिव वैद्य राजेश कोटेचा ने आज गुजरात के गांधीनगर में ग्लोबल आयुष इनवेस्टमेंट एंड इनोवेशन समिट 2022 के दूसरे दिन प्रेस कॉन्फ्रेंस में दी। उन्होंने यह भी बताया कि विभिन्न देशों के साथ-साथ भारत भर में 35 से अधिक छावनी क्षेत्रों में आयुष सुविधाएं शुरू करने के लिए रक्षा मंत्रालय और संयुक्त पीएचडी कार्यक्रमों और आयुष में क्रियाविधिक अध्ययन के लिए सीएसआईआर के साथ पारस्परिक सहयोग को बढ़ावा देने के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के साथ विभिन्न समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए गए हैं।

उन्होंने कहा, ‘आयुष क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं। इस क्षेत्र में सरकारी बजट 2014 में 691 करोड़ रुपये से चार गुना बढ़कर पिछले बजट में 3050 करोड़ रुपये हो गया है। उन्होने आगे बताया कि बाजार में भी तेज बढ़त देखने को मिली है और ये 2014 में 22,000 करोड़ रुपये से बढ़कर 1.14 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है।

आयुष क्षेत्र में महत्वपूर्ण वृद्धि देखी गई है, और ये 2014 के 3 अरब डॉलर से बढ़कर आज 18 अरब डॉलर से अधिक हो गया है। कोलंबिया, मैक्सिको, क्यूबा, ​​जर्मनी, जमैका, किर्गिस्तान और थाईलैंड सहित विभिन्न देशों ने आयुष मंत्रालय के साथ सहयोग बढ़ाने के लिए अपनी प्रतिबद्धता जताई है। सभी उत्पादों और सेवाओं में गुणवत्ता मानकों और मान्यता की आवश्यकता पर भी जोर दिया गया। कंपनियां जैसे अमूल, डाबर इंडिया, कामा आयुर्वेद आयुष क्षेत्र और एफएमसीजी उद्योग के बीच तालमेल बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

सत्र के पहले दिन के दौरान देखा गया उत्साह, दूसरे दिन भी जारी रहा  जहां आयुष की विभिन्न धाराओं के विशेषज्ञों और स्टार्ट-अप ने इस बढ़ते हुए क्षेत्र के बारे में जागरूकता फैलाने और निवेश पाने के लिये अवसरों का लाभ उठाया। इन आयोजनों में जो एक अहम बात सामने आई , वह आयुष की मूल भावना को बरकरार रखते हुए आधुनिक तकनीक के उपयोग से क्षेत्र को मान्यता देने की आवश्यकता के इर्द-गिर्द घूमती है। शिखर सम्मेलन ने भारत में संचारित हो रही चिकित्सा मान्यताओं को बढ़ावा देने में आयुष के लिए मौजूद अवसरों के बारे में बातचीत शुरू करने की मांग की। आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन में औषधीय पौधों को शामिल करने पर विशेष जोर दिया गया।

शिखर सम्मेलन के पहले दो दिनों को सफलतापूर्वक समाप्त करने के बाद, शिखर सम्मेलन का तीसरा दिन स्टार्टअप्स और उद्यमियों के लिए एक अनुकूल इकोसिस्टम को विकसित करने पर केंद्रित होगा। शिखर सम्मेलन के तीसरे दिन बायोमेडिकल इंजीनियरिंग नवाचारों और भविष्य के रुझानों के बारे में बातचीत होगी जो आयुष उद्योग को प्रभावित करेंगे।

ग्लोबल आयुष इन्वेस्टमेंट एंड इनोवेशन समिट भारत सरकार द्वारा क्षेत्र में निवेश की तलाश करने का अपनी तरह का पहला प्रयास है, जो कोविड के बाद की दुनिया में तेजी से विस्तार कर रहा है। शिखर सम्मेलन भारत को पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों के केंद्र के रूप में विकसित करना चाहता है, जो दुनिया को स्वास्थ्य और बेहतर जीवन शैली प्राप्त करने की दिशा में मार्गदर्शन करेगा।

वैद्य राजेश कोटेचा ने ग्लोबल आयुष इन्वेस्टमेंट एंड इनोवेशन समिट 2022 के दूसरे दिन हासिल की गई ऐतिहासिक उपलब्धियों के बारे में भी बताया। श्रीमती कविता गर्ग, संयुक्त सचिव, आयुष; संजीव शर्मा , निदेशक राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान,  और श्री अनूप के ठक्कर, निदेशक, आईटीआरए जामनगर भी सम्मेलन में उपस्थित थे।