व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौता (सीईपीए) के तहत भारत-यूएई व्यापार वर्ष 2030 तक 250 अरब डॉलर तक पहुंचने की क्षमता है – श्री पीयूष गोयल
भारत यूएई को एक रणनीतिक साझेदार और एक मित्र के रूप में देखता है जो हमेशा भारत के साथ खड़ा रहा है – श्री गोयल
भारत को उम्मीद है कि स्वतंत्रता के 75वें वर्ष में स्टार्टअप इकोसिस्टम से कम से कम 75 यूनिकॉर्न मिलेंगे- श्री गोयल
महामारी के चरम पर भी भारत ने प्रत्येक अंतरराष्ट्रीय प्रतिबद्धता को पूरा किया – श्री गोयल
केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग, उपभोक्ता कार्य, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण और कपड़ा मंत्री श्री पीयूष गोयल ने आज कहा कि हालांकि भारत-यूएई सीईपीए के तहत अनुमानित प्रारंभिक लक्ष्य 100 अरब डॉलर था, 2030 तक वस्तुओं और सेवाओं में 250 अरब डॉलर का व्यापार हासिल करना संभव है। वह आज दुबई में ‘वर्ल्ड गवर्नमेंट समिट_स्पार्किंग द ग्रोथ ऑफ इमर्जिंग इकोनॉमीज़’ में शामिल मेहमानों को संबोधित कर रहे थे।
भारत-यूएई व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौते पर एक प्रश्न के उत्तर में, श्री गोयल ने कहा कि भारत यूएई को एक मित्र के रूप में देखता है, ऐसा जो हमेशा भारत के साथ खड़ा रहा है। यूएई में बड़ी संख्या में रह रहे भारतीय प्रवासियों के बारे में बोलते हुए, श्री गोयल ने कहा कि कोविड के दौरान यूएई सरकार द्वारा उनकी बहुत अच्छी तरह से देखभाल की गई। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत और यूएई के बीच संबंध व्यापार के आयाम से बहुत आगे तक बढ़े हैं। उन्होंने साथ ही कहा कि दोनों देशों के बीच परस्पर विश्वास, सम्मान और सांस्कृतिक आत्मीयता वास्तव में अद्वितीय है।
श्री गोयल ने कहा कि जब से सीईपीए की घोषणा की गई उन्होंने दोनों देशों के कारोबारियों के साथ बड़े पैमाने पर बातचीत की थी। उन्होंने कहा कि इंडिया जेम्स एंड ज्वैलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल यूएई के साथ अपने निर्यात को तीन गुना करने की अभिलाषा रखती है। उन्होंने कहा कि भारत-यूएई सीईपीए के बारे में व्यापार निकायों, उद्योग संघों और निर्यात संवर्धन परिषदों में उत्साह प्रेरित करने वाला था
यूएई के विषय में सेवाओं के निर्यात को भारत के लिए एक बड़ा अवसर बताते हुए श्री पीयूष गोयल ने कहा कि इस क्षेत्र का अधिकांश हिस्सा अनछुआ था। भारत के तेजी से बढ़ते स्टार्टअप, विशेष रूप से फिनटेक, एग्रीटेक, एज्यूटेक, हेल्थटेक आदि के बारे में बोलते हुए, उन्होंने कहा कि एक उभरते वित्तीय केंद्र के रूप में यूएई की स्थिति से भारत में खासतौर पर इन क्षेत्रों में निवेश में तेजी लाने में मदद मिलेगी।
श्री गोयल ने भारत-यूएई सीईपीए में विकास की सबसे अधिक संभावना वाले 5 शीर्ष क्षेत्रों को सूचीबद्ध किया जिसमें रत्न और आभूषण, टेक्सटाइल और लेदर प्रोडक्ट, फार्मास्यूटिकल्स, स्टील और पेट्रोकेमिकल्स शामिल हैं। भारत और यूएई के बीच पिघलाने और ढालने के समझौते का जिक्र करते हुए माननीय मंत्री ने कहा कि यह इस्पात संयंत्र स्थापित करने के लिए यूएई में निवेश को प्रोत्साहित करेगा, भारत में इस्पात क्षेत्र की रक्षा करने में मदद देगा और यूएई के विदेश व्यापार का मुख्य केंद्र होने के कारण भारत को अन्य देशों के बाजार तक पहुंच हासिल करने में सहायता करेगा। पेट्रोकेमिकल उत्पादन क्षमताओं के मामले में भारत को विशालकाय बताते हुए माननीय मंत्री ने कहा कि पेट्रोकेमिकल क्षेत्र में भी बहुत बड़े अवसर मौजूद हैं।
भारत के व्यापारिक निर्यात के बारे में बोलते हुए, जो कोविड-19 की एक के बाद एक आई लहरों के बावजूद 400 अरब डॉलर को पार कर गया है, माननीय मंत्री ने कहा कि भारत से सेवाओं का निर्यात, यात्रा और पर्यटन में मंदी के बावजूद, 250 अरब डॉलर के उच्चतम आंकड़े को छू गया था। माननीय मंत्री ने जोर देकर कहा कि महामारी के चरम पर भी भारत ने दुनिया के प्रति अपनी एक भी प्रतिबद्धता नहीं छोड़ी।
स्टार्टअप के विकास में भारत की सफलता का उल्लेख करते हुए, श्री गोयल ने कहा कि भारत में पहले से ही 92 यूनिकॉर्न थे और 100 का स्तर पार करने की उम्मीद हैं। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि भारत की आजादी के 75 वें वर्ष में, भारत के स्टार्टअप इकोसिस्टम से कम से कम 75 यूनिकॉर्न उभरेंगे।
आने वाले ‘अमृतकाल’, स्वतंत्रता के अगले 25 वर्ष का उल्लेख करते हुए माननीय मंत्री ने कहा कि इस समय के दौरान देश के 1.35 अरब लोगों की समृद्धि सुनिश्चित करने और इस दौरान भारत में जन्म लेने वाले प्रत्येक बच्चे के बेहतर भविष्य के निर्माण पर विशेष जोर के साथ भारत एक उभरती हुई अर्थव्यवस्था से विकसित अर्थव्यवस्था की ओर बढ़ेगा।