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उड़ान-आरसीएस के अंतर्गत वाराणसी-गोरखपुर के बीच दैनिक सीधी उड़ान को झंडी दिखाई गई

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2025 तक उड़ान के अंतर्गत 100 नए हवाई अड्डे और 1,000 नए मार्ग: श्री सिंधिया

अंतरराष्ट्रीय उड़ानें आज से शुरू: श्री सिंधिया

गोरखपुर और वाराणसी के बीच पहली सीधी उड़ान को आज झंडी दिखाकर रवाना किया गया। स्पाइसजेट को आरसीएस-उड़ान 4.1 के अंतर्गत मार्ग प्रदान किया गया था।

उद्घाटन समारोह में केंद्रीय नागर विमानन मंत्री श्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ, श्री महेंद्र पाल सिंह, विधायक, पिपराइच (गोरखपुर जिला) और श्री बिपिन सिंह, विधायक, गोरखपुर ग्रामीण, श्रीमती उषा पाधी, संयुक्त सचिव, नागर विमानन मंत्रालय, श्री अजय सिंह, अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक, स्पाइसजेट और कई अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

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एयरलाइन दैनिक उड़ानों का संचालन करेगी और मार्ग पर कम दूरी की उड़ानों के लिए डिज़ाइन किए गए अपने क्यू 400, 78-सीटर टर्बो प्रोप विमान को तैनात करेगी। स्पाइसजेट भारत का सबसे बड़ा क्षेत्रीय विमान वाहक है। एयरलाइन उड़ान योजना के अंतर्गत देश के विभिन्न हिस्सों में 14 यूडीएएन गंतव्यों को जोड़ने वाली 63 दैनिक उड़ानें संचालित करती है।

 

वर्तमान में स्पाइसजेट उत्तर प्रदेश में गोरखपुर, वाराणसी, कानपुर और कुशीनगर हवाई अड्डों पर अपनी सेवाएं प्रदान कर रही है। यह नया उड़ान मार्ग उड़ान योजना के अंतर्गत नौ नई उड़ानों का एक हिस्सा है जिसे स्पाइसजेट आज से शुरू करेगी, जिसमें से 6 विशेष रूप से उत्तर प्रदेश के लिए और 3 विमान सेवाएं देश के अन्य राज्यों के लिए होंगी।

 

उड़ान योजना के अंतर्गत स्पाइसजेट के ग्रीष्मकालीन आवागमन उड़ान कार्यक्रम को 27 मार्च 2022 को जारी किया गया
उत्तर प्रदेश में
कानपुर-गोरखपुर
वाराणसी-गोरखपुर
वाराणसी-गुवाहाटी
कुशीनगर-कोलकाता
वाराणसी-पटना
वाराणसी-जयपुर
भारत में
पुदुचेरी-बेंगलुरु
हैदराबाद-पुदुचेरी
हैदराबाद-जबलपुर

 

इस अवसर पर अपने सम्बोधन में, श्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया ने कहा, “आज एक ऐतिहासिक दिन है क्योंकि हम 2 प्राचीन शहरों को जोड़ रहे हैं जिनका हमारे देश के इतिहास पर गहरा सांस्कृतिक और धार्मिक प्रभाव है। वाराणसी 11 शहरों से जुड़ा हुआ था, लेकिन इस ग्रीष्मकालीन कार्यक्रम के उद्घाटन के साथ, यह अब 4 और शहरों गोरखपुर, जयपुर, गुवाहाटी और जम्मू से जुड़ जाएगा। इसी तरह, गोरखपुर जो 6 शहरों से जुड़ा था, इसके बाद 3 और शहरों-वाराणसी, बेंगलुरु और कानपुर से जुड़ जाएगा। इस प्रकार कुल मिलाकर 9 शहर एक दूसरे से जुड़ जाएंगे। गोरखपुर में, हम दिसंबर 2022 तक गोरखपुर हवाई अड्डे के सिविल एन्क्लेव की क्षमता को मौजूदा 100 यात्रियों से बढ़ाकर 300 यात्रियों तक करने जा रहे हैं।

 

मंत्री ने जोर देकर कहा कि “उत्तर प्रदेश में 4 हवाई अड्डे थे, अब प्रयागराज, कानपुर, बरेली और कुशीनगर में हवाई अड्डों के निर्माण के साथ अब राज्य में कुल 9 हवाई अड्डे स्थापित हो गए हैं। निकट भविष्य में सहारनपुर, मुरादाबाद, अलीगढ़, आजमगढ़, श्रावस्ती, चित्रकूट और सोनभद्र में 7 नए हवाई अड्डे और नोएडा और अयोध्या में 2 नए अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे स्थापित किए जाएंगे। इससे उत्तर प्रदेश में 18 घरेलू और 5 अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे हो जाएंगे।”

 

श्री सिंधिया ने आगे कहा कि “नागर विमानन मंत्रालय देश में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। हाल ही में, नागर विमानन मंत्रालय ऑपरेशन गंगा का हिस्सा था, जहां यूक्रेन के 5 पड़ोसी देशों से संचालित 90 से अधिक उड़ानों के साथ 23,000 से अधिक भारतीय विद्यार्थियों को युद्ध की स्थिति में यूक्रेन से बचाया गया था। मैं भारतीय वायु सेना और सभी निजी एयरलाइनों को धन्यवाद देना चाहता हूं जो इस ऑपरेशन का हिस्सा थे और उन्होंने अपना पूरा सहयोग प्रदान किया। आज का दिन न केवल उत्तर प्रदेश के लोगों के लिए बल्कि पूरे देश के लिए एक महत्वपूर्ण दिन है क्योंकि हम भारत को फिर से दुनिया से जोड़ने के लिए आज से अंतरराष्ट्रीय उड़ानें शुरू कर रहे हैं।

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पिछले 5 वर्षों में, उड़ान योजना के तहत 409 मार्गों और 66 हवाई अड्डों का संचालन किया गया है और 90 लाख से अधिक लोग इससे लाभान्वित हुए हैं। इस योजना के तहत 1 लाख 75 हजार से अधिक उड़ानें भरी जाती हैं।

 

नागर विमानन मंत्रालय वर्ष 2025 तक उड़ान आरसीएस योजना के तहत 1,000 नए मार्गों के साथ भारत में कुल हवाई अड्डों को 100 नए हवाई अड्डों तक ले जाने के लिए 34 नए हवाई अड्डों का निर्माण करने की योजना बना रहा है।

 

गोरखपुर और वाराणसी उत्तर प्रदेश में लोकप्रिय गंतव्य हैं और पूरे वर्ष कई पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। वाराणसी उत्तर भारत का एक सांस्कृतिक केंद्र है और दुनिया के सबसे पुराने लगातार बसे हुए शहरों में से एक है जो गंगा नदी के किनारे स्नान घाटों के लिए प्रसिद्ध है। वाराणसी में सबसे उल्लेखनीय मंदिर काशी विश्वनाथ, संकट मोचन मंदिर और दुर्गा मंदिर हैं। शहर लंबे समय से एक शैक्षिक और संगीत केंद्र रहा है। कई प्रमुख भारतीय दार्शनिक, कवि, लेखक और संगीतकार शहर में रहते हैं या रहते थे, और यहाँ भारत का पहला आवासीय विश्वविद्यालय, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय है। दुनिया भर से हिंदू गंगा में पवित्र डुबकी लगाने और नदी के किनारे दर्जनों घाटों पर अनुष्ठान करने के लिए वाराणसी आते हैं।

 

गोरखपुर राप्ती नदी के किनारे नेपाल सीमा के पास स्थित है और गोरखनाथ मठ और गोरखनाथ मंदिर, नाथ संप्रदाय और अन्य हिंदू, जैन, बौद्ध और सिख संतों का केंद्र होने के कारण एक प्रसिद्ध धार्मिक केंद्र भी है।

उड़ान के कार्यक्रम की सूची इस प्रकार है:

प्रभावी तिथि संचालन के दिवस फ्लाइट संख्या सेक्टर प्रस्थान का समय आगमन का समय हवाई जहाज़ का प्रकार
27-मार्च-22 प्रतिदिन एसजी 2949 वाराणसी- गोरखपुर प्रात: 8:40 प्रात: 9:35 क्यू 400
27-मार्च-22 प्रतिदिन एसजी 2952 गोरखपुर

-वाराणसी

प्रात: 9:55 प्रात: 10:50 क्यू 400