वेबिनार में तीन अलग-अलग सत्रों के बाद विषय से संबंधी छह संक्षिप्त सत्र
ऊर्जा मंत्रालय; पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस; नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा; कोयला; खान; विदेश मामले; और पर्यावरण वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालयों का संसाधनों पर क्षेत्रीय समूह 2022 के बजट में की गई घोषणाओं सहित ऊर्जा और संसाधन क्षेत्र में भारत सरकार की पहल पर चर्चा करने और इन पहलों के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए विचारों और सुझावों को प्राप्त करने के लिए 4 मार्च को सुबह 10 बजे “निरंतर विकास के लिए ऊर्जा” विषय पर एक वेबिनार का आयोजन कर रहा है।
वेबिनार में तीन अलग-अलग सत्र होंगे। माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी सुबह 10 बजे से 10:30 बजे तक पूर्ण सत्र को संबोधित करेंगे। इस सत्र के बाद विषय संबंधी छह संक्षिप्त सत्र होंगे जो 10.30 बजे से समानांतर रूप से पूर्वाह्न 12.45 बजे तक होंगे। दोपहर 2 बजे से 3:10 बजे तक आयोजित होने वाले समापन सत्र की अध्यक्षता बिजली और नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री श्री आर.के. सिंह करेंगे।
नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरई) “नवीकरणीय ऊर्जा का विस्तार” विषय पर संक्षिप्त सत्र आयोजित करेगा, जिसका संचालन एमएनआरई, सचिव श्री इंदु शेखर चतुर्वेदी करेंगे और इसमें सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के प्रख्यात वक्ता शामिल होंगे। सत्र में निम्नलिखित दो क्षेत्रों को प्रमुख रूप से शामिल किया जाएगा:
(ए) सौर उत्पादन : भारत का 2030 तक लगभग 300 गीगावॉट सौर ऊर्जा क्षमता स्थापित करने का लक्ष्य है। आयात पर निर्भरता को कम करने और घरेलू सौर पीवी उत्पादन को प्रोत्साहित करने के लिए, सरकार ने देश में सौर उत्पादन बढ़ाने के लिए विभिन्न नीतियां और कार्यक्रम बनाए हैं। उच्च दक्षता वाले सौर पीवी मॉड्यूल के निर्माण को बढ़ावा देने के लिए 2021 में “उच्च दक्षता वाले सौर पीवी मॉड्यूल पर राष्ट्रीय कार्यक्रम” को मंजूरी दी गई थी, जिसमें सौर पीवी सेल, वेफर्स, शिलिका, पॉलीसिलिकॉन जैसे अपस्टेज वर्टिकल घटक शामिल हैं। 4500 करोड़ रुपये के शुरूआती आवंटन के साथ लगभग 9 गीगावॉट क्षमता वाली पूरी तरह से एकीकृत सौर पीवी मॉड्यूल निर्माण इकाइयों को मंजूरी दी गई। 2022-23 के बजट में 19,500 करोड़ रुपये के अतिरिक्त परिव्यय की घोषणा की गई थी। यह परिकल्पना की गई है कि इस आवंटन के साथ लगभग 40 गीगावाट सौर मॉड्यूल क्षमता का निर्माण किया जाएगा।
(बी) ग्रीन हाइड्रोजन: 15 अगस्त 2021 को स्वतंत्रता दिवस के संबोधन में, माननीय प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन की घोषणा की और भारत को ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन और निर्यात का वैश्विक केन्द्र बनाने का लक्ष्य बताया। नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरई) ने अर्थव्यवस्था के प्रमुख क्षेत्रों को कार्बन मुक्त करने के उद्देश्य से राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन विकसित किया है, जो भारत की ऊर्जा स्वतंत्रता में योगदान देता है और वैश्विक स्वच्छ ऊर्जा संक्रमण के लिए एक प्रेरणा के रूप में कार्य करता है। मांग सृजित करने, उभरते क्षेत्रों में स्वदेशी निर्माण, अनुसंधान और विकास, पायलट परियोजनाओं और नीतियों, विनियमों और मानकों के एक सक्षम पारिस्थितिकी तंत्र को समर्थन देने और नीतियों, नियमों और मानकों का एक इकोसिस्टम बनाने के लिए प्रस्तावित राष्ट्रीय हाइड्रोजन मिशन तदनुसार एक रूपरेखा विकसित करना चाहता है। प्रस्तावित उपायों से ग्रीन हाइड्रोजन और इसके यौगिकों के उत्पादन, उपयोग और निर्यात को बढ़ाने की उम्मीद है।
सत्र का उद्देश्य अगली पीढ़ी के सौर पीवी मॉड्यूल के निर्माण और एक मजबूत हाइड्रोजन अर्थव्यवस्था के निर्माण के प्रमुख पहलुओं के लिए एक अनुकूल इकोसिस्टम बनाने के लिए साझेदारों और उद्योग के नेताओं से सुझाव लेना है।
एमएनआरई सौर उत्पादन और ग्रीन हाइड्रोजन पर प्रकाश डालते हुए “नवीकरणीय ऊर्जा के विस्तार” पर संक्षिप्त सत्र आयोजित करेगा