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आईएमपीसीएल ने आयुष मंत्रालय को 1.5 करोड़ रुपये से अधिक का लाभांश दिया

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भारत सरकार के आयुष मंत्रालय के तहत काम करने वाले केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यम (सीपीएसई) भारतीय दवाएं औषधि निगम लिमिटेड (आईएमपीसीएल) ने अपने हितधारकों आयुष मंत्रालय और उत्तराखंड सरकार को 1.65 करोड़ रुपये का लाभांश देने की घोषणा की है। आयुष भवन में आज आयोजित समारोह में आयुष मंत्री श्री सर्बानंद सोनोवाल को लाभांश का चेक प्रदान किया गया।

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आईएमपीसीएल को मिनी रत्न कंपनी स्वीकार करते हुए मंत्री ने कहा कि दवाओं की आयुष प्रणाली को दुनिया भर में मान्यता दी जा रही है और बाजार का आकार भी बढ़ रहा है। आईएमपीसीएल ने कर पश्चात लाभ (पीएटी) पर 15 प्रतिशत लाभांश का भुगतान किया है जो कि 1.66 करोड़ रुपये है। वर्ष 2020-21 में भारत सरकार को 1.63 करोड़ रुपये और मेसर्स केएमवीएन लिमिटेड को 3 लाख रुपये का लाभांश अनुपात दिया गया है। आईएमपीसीएल आयुष मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण में सार्वजनिक क्षेत्र का उपक्रम है। यह एक संयुक्त उद्यम कंपनी है, जिसमें भारत सरकार की 98.11 प्रतिशत और उत्तराखंड की 1.89 प्रतिशत हिस्सेदारी है। विभिन्न रोगों के विस्तृत श्रेणी के लिए प्रमाणन से संबंधित यह कंपनी वर्तमान में 656 पारंपरिक आयुर्वेदिक, 332 यूनानी और 71 ट्रेडमार्क युक्त आयुर्वेदिक दवाओं का निर्माण कर रही है। हाल ही में आईएमपीसीएल को 18 आयुर्वेदिक उत्पादों के लिए डीसीजी(I) द्वारा डब्ल्यूएचओजीएमपी/सीओपीपी प्रमाणन प्रदान किया गया है, जिससे निर्यात कारोबार का पता लगाने का अवसर प्राप्त हुआ है।

आईएमपीसीएल के प्रबंध निदेशक डॉ. मुकेश कुमार ने बताया कि कंपनी द्वारा वर्ष 2020-2021 के लाभांश के रूप में आयुष मंत्रालय के कैबिनेट मंत्री को कुल 1,62,64,182 रुपये की राशि सौंपी गई। इसी तरह उत्तराखंड सरकार के तहत काम करने वाले सरकारी उपक्रम कुमाऊं मंडल विकास निगम (केएमवीएनएल) के माध्यम से उत्तराखंड राज्य सरकार को 3,13,315 रुपये सौंपे गए। लाभांश के रूप में कुल 1,65,77,497 रुपये की राशि सौंपी गई।

प्रबंध निदेशक के अनुसार यह कोविड-19 महामारी के कारण परिचालन गतिविधियों के लिए एक चुनौतीपूर्ण वित्तीय वर्ष था। हालांकि इसने सामान्य रूप से आयुर्वेदिक दवाओं और विशेष रूप से प्रतिरक्षा बढ़ाने वाली दवाओं की बढ़ती मांग के कारण अवसर भी दिया है, जिसने 164.02 करोड़ के अब तक के उच्च कारोबार करने और कर पूर्व लाभ (पीबीटी) 15.69 करोड़ रुपये का योगदान दिया है।