संस्कृति मंत्रालय द्वारा कला के क्षेत्र में कलाकार और विद्वानों की वित्तीय व सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार को लेकर ‘कलाकारों को लिए पेंशन और चिकित्सा सहायता के लिए योजना’ का संचालन
संस्कृति मंत्रालय ‘कलाकारों के लिए पेंशन और चिकित्सा सहायता की योजना’ का संचालन करता है। इस योजना का उद्देश्य वैसे वृद्धजन कलाकारों और विद्वानों की वित्तीय व सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार करना है, जिन्होंने कला व लेखन आदि के अपने विशिष्ट क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान दिया है, लेकिन निर्धनता की स्थिति में हैं। इस योजना का लाभ उन पात्र लाभार्थियों (पेशेवर और गैर-पेशेवर कलाकारों, दोनों) को दिया जा रहा है, जिनकी आयु 60 साल से अधिक है और जिनकी वार्षिक आय 48,000 रुपये से कम है। इसके अलावा संस्कृति मंत्रालय ‘कला और संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए छात्रवृत्ति और फैलोशिप की योजना’ नाम से एक योजना को भी संचालित करता है। इसके निम्नलिखित तीन घटक हैं :
विभिन्न सांस्कृतिक क्षेत्र में युवा कलाकारों को छात्रवृत्तियां प्रदान करना (एसवाईए) – 18 से 25 साल के आयु समूह में चयनित लाभार्थियों को दो वर्ष की अवधि के लिए चार बराबर की छमाही किस्तों में 5,000 रुपये हर एक महीने की छात्रवृत्ति प्रदान की जाती है। इसके लिए इन उम्मीदवारों के किसी गुरु संस्था के तहत कम से कम पांच साल की अवधि के लिए प्रशिक्षण प्राप्त किया गया हो। छात्रवृत्ति प्राप्त करने वाले उम्मीदवारों का चयन इसके लिए मंत्रालय की गठित विशेषज्ञ समिति के सामने निजी साक्षात्कार/बातचीत में उनके प्रदर्शन के आधार पर किया जाता है।
विभिन्न सांस्कृतिक क्षेत्रों में उत्कृष्ट व्यक्तियों के लिए सीनियर/जूनियर फैलोशिप प्रदान करना – 40 साल या उससे अधिक के आयु समूह चयनित कलाकारों को सांस्कृतिक शोध के लिए दो वर्ष तक चार बराबर की छमाही किस्तों में 20,000 रुपये प्रतिमाह की सीनियर फैलोशिप प्रदान की जाती है। वहीं, 25 से 40 साल के आयु समूह में चयनित कलाकारों को दो वर्ष के लिए चार बराबर की छमाही किस्तों में 10,000 रुपये प्रतिमाह की जूनियर फैलोशिप प्रदान की जाती है। एक साल के बैच में 400 तक सीनियर और जूनियर फैलोशिप प्रदान की जाती है। इसके लिए कलाकारों का चयन मंत्रालय की गठित विशेषज्ञ समिति करती है।
सांस्कृतिक शोध के लिए टैगोर राष्ट्रीय फैलोशिप प्रदान करना – चार अलग-अलग समूहों में विभिन्न प्रतिभागी संस्थानों के तहत संबद्धता के जरिए सांस्कृतिक अनुसंधान पर काम करने के लिए उम्मीदवारों का चयन दो श्रेणियों – टैगोर राष्ट्रीय फैलोशिप और टैगोर शोध छात्रवृत्ति के लिए किया जाता है। उम्मीदवारों का अंतिम चयन मंत्रालय की विशेष रूप से गठित राष्ट्रीय चयन समिति (एनएससी) करती है।
उपरोक्त के अलावा प्रदर्शन सूची अनुदान और सांस्कृतिक समारोह प्रोडक्शन अनुदान आदि जैसी अन्य योजनाओं के जरिए पेशेवर व गैर- पेशेवर कलाकारों को भी वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।
यह जानकारी केंद्रीय संस्कृति, पर्यटन और उत्तर पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्री श्री जी. किशन रेड्डी ने आज राज्यसभा में दी।