Online News Portal for Daily Hindi News and Updates with weekly E-paper

चालू वित्त वर्ष के पहले सात महीनों में 48 अरब डॉलर का विदेशी निवेश भारत की विकास गाथा में वैश्विक समुदाय के बढ़ते भरोसे का प्रमाण है- श्री राम नाथ कोविंद

46
Tour And Travels

साल 2016 से 56 विभिन्न क्षेत्रों में 60,000 नए स्टार्टअप पंजीकृत हुए हैं और उनमें 6 लाख नौकरियां मिली हैं

साल 2021 में, कोरोना काल के दौरान भारत में 40 से अधिक स्टार्टअप यूनिकॉर्न की श्रेणी में शामिल हो गई

विनिर्माण क्षेत्र को पूरी क्षमता से काम करने में मदद देने के लिए 1 लाख 97 हजार करोड़ रुपये से अधिक के निवेश से 14 अहम पीएलआई स्कीम शुरू की गई है

भारत में मल्टी-मोडल परिवहन के एक नए युग की शुरुआत करने के लिए प्रधान मंत्री गतिशक्ति राष्ट्रीय योजना शुरू की गई है
राष्ट्रपति श्री राम नाथ कोविंद ने आज कहा कि चालू वित्त वर्ष के पहले सात महीनों में 48 अरब डॉलर का विदेशी निवेश भारत की विकास गाथा में वैश्विक समुदाय के बढ़ते भरोसे का प्रमाण है। वह बजट सत्र के पहले दिन संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित कर रहे थे।

भारत के निर्यात में रिकॉर्ड वृद्धि की बात करते हुए, राष्ट्रपति ने कहा कि अप्रैल से दिसंबर 2021 के दौरान, हमारा वस्तु-निर्यात 300 अरब डॉलर (22 लाख करोड़ रुपये से अधिक) रहा, जो 2020 की समान अवधि की तुलना में डेढ़ गुना अधिक है।

राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि हमारा स्टार्टअप उद्योग भी अनंत नई संभावनाओं का एक उदाहरण है जो हमारे युवाओं के नेतृत्व में तेजी से आकार ले रहा है। इस तथ्य पर प्रकाश डालते हुए कि 2016 से हमारे देश में 56 विभिन्न क्षेत्रों में 60,000 नए स्टार्टअप पंजीकृत हुए हैं। उन्होंने कहा कि इन स्टार्ट-अप्स ने छह लाख से अधिक नौकरियों का सृजन किया है। उन्होंने कहा कि 2021 में, कोरोना काल के दौरान, भारत में 40 से अधिक यूनिकॉर्न स्टार्ट-अप बने हैं, जिनमें से प्रत्येक का न्यूनतम बाजार मूल्यांकन 7,400 करोड़ रुपये है। उन्होंने यह भी कहा कि सेमीकंडक्टर्स पर भारत के प्रयासों से हमारे स्टार्ट-अप इकोसिस्टम को भी काफी फायदा होगा।

राष्ट्रपति ने कहा कि सरकार ने कई नीतिगत फैसले लिए हैं और कई नए क्षेत्र खोले हैं ताकि हमारे युवा तेजी से बदलती प्रौद्योगिकी से लाभान्वित उठा सकें। स्टार्ट-अप बौद्धिक संपदा संरक्षण कार्यक्रम का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार ने पेटेंट और ट्रेडमार्क से संबंधित प्रक्रियाओं को सरल और तेज किया है। इसके फलस्वरूप, इस वित्त वर्ष में लगभग 6 हजार पेटेंट और 20 हजार से अधिक ट्रेडमार्क के लिए आवेदन किया गया है।

विनिर्माण क्षेत्र की क्षमता को पूरी तरह से उपयोग में लाने और युवाओं के लिए नए अवसर पैदा करने के लिए सरकार द्वारा शुरू की गई 1 लाख 97 हजार करोड़ रुपये से अधिक के आवंटन के साथ 14 प्रमुख पीएलआई योजनाओं के बारे में बताते हुए, राष्ट्रपति ने कहा कि ये पीएलआई योजनाएं न केवल भारत को वैश्विक विनिर्माण केंद्र के रूप में बदलने में मदद करेंगी बल्कि 60 लाख से अधिक नौकरियां भी पैदा करेंगी। उन्होंने कहा कि घरेलू मोबाइल निर्माण क्षेत्र पीएलआई योजना की सफलता का एक बेहतरीन उदाहरण है। उन्होंने कहा कि आज भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मोबाइल फोन निर्माता बनकर उभरा है, जो हमारे युवाओं के लिए लाखों रोजगार पैदा कर रहा है।

किसी भी देश में बुनियादी ढांचे को विकास की नींव बताते हुए राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि सरकार सामाजिक असमानता को दूर करने के लिए बुनियादी ढांचे को एक सेतु के रूप में देखती है। उन्होंने कहा कि बुनियादी ढांचे में निवेश से न केवल लाखों नई नौकरियां पैदा होती हैं, बल्कि इसका गुणात्मक प्रभाव भी होता है, जिससे व्यापार करने में आसानी होती है, तेजी से परिवहन की सुविधा होती है और सभी क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलता है।

राष्ट्रपति ने कहा कि सरकार ने बुनियादी ढांचे के विकास में तेजी लाने के लिए प्रधानमंत्री गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान के तहत विभिन्न मंत्रालयों को समन्वित तरीके से काम करने के लिए एकीकृत किया है। यह विश्वास व्यक्त करते हुए उन्होंने कि यह योजना भारत में मल्टी-मोडल परिवहन के एक नए युग की शुरुआत करने जा रही है। उन्होंने कहा कि भविष्य में, भारत में रेलवे, राजमार्ग और वायुमार्ग अब अलग और अलग बुनियादी ढांचे नहीं होंगे, बल्कि देश के लिए एक एकीकृत संसाधन होंगे।

तेजी से विकसित हो रही ड्रोन तकनीक और संबंधित अवसरों की बात करते हुए राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि सरकार इसके बारे में जागरूक और सक्रिय है। इस दिशा में, सरकार ने सरलीकृत ड्रोन नियम 2021 को अधिसूचित किया है, और देश में ड्रोन और ड्रोन-पुर्ज़ों के निर्माण के लिए एक पीएलआई योजना भी शुरू की है। उन्होंने कहा कि इससे भारत को भविष्य की इस महत्वपूर्ण तकनीक में अपना स्थान सुरक्षित करने में मदद मिलेगी।