वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के प्रमुखों के साथ समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की
बैंकरों का कहना है कि पीएसबी पर्याप्त रूप से पूंजीकृत हैं और भविष्य में किसी भी दबाव की स्थिति के लिए तैयार हैं
केंद्रीय वित्त और कारपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने आज नई दिल्ली में वर्चुअल मोड के माध्यम से सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) के अध्यक्षों और प्रबंध निदेशकों (सीएमडी/एमडी) के साथ उन बैंकों के प्रदर्शन की समीक्षा की। समीक्षा बैठक में केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री डॉ. भागवत किशनराव कराड और वित्तीय सेवा विभाग (डीएफएस) के सचिव श्री देबाशीष पांडा के साथ डीएफएस के वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हुए।
समीक्षा बैठक के दौरान श्रीमती सीतारमण ने भारत सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा शुरू किए गए महामारी से संबंधित उपायों को लागू करने के लिए पीएसबी द्वारा उठाए गए विभिन्न कदमों और कोविड-19 महामारी के मौजूदा स्वरूप के कारण होने वाले संभावित व्यवधानों से निपटने की तत्परता का आकलन किया।
ईसीएलजीएस की सफलता की सराहना करते हुए, वित्त मंत्री ने कहा कि अभी हमारी उपलब्धियों पर संतुष्ट होने का समय नहीं है और हमें अपने सामूहिक प्रयासों से उन क्षेत्रों को सहायता करने का प्रयास करना चाहिए जो कोविड-19 महामारी के निरंतर हमले के कारण संकट का सामना कर रहे हैं। श्रीमती सीतारमण ने बैंकरों से कृषि क्षेत्र, किसानों, खुदरा क्षेत्र और एमएसएमई को सहयोग जारी रखने के लिए भी कहा।
श्रीमती सीतारमण ने कहा कि वैश्विक परिघटनाएँ और ओमिक्रॉन प्रसार से उत्पन्न विपरीत परिस्थितियों के बावजूद कारोबारी परिदृश्य में उत्तरोत्तर सुधार हो रहा है। वित्त मंत्री ने रेखांकित किया कि महामारी से लड़ने में मदद करने के लिए अधिक सहयोग की आवश्यकता हो सकती है।
ऋण मांग के मोर्चे पर, वित्त मंत्री ने कहा कि खुदरा क्षेत्रों में वृद्धि, समग्र व्यापक आर्थिक संभावनाओं में सुधार और उधारकर्ताओं की वित्तीय स्थिति में सुधार के कारण ऋण मांग में तेजी आने की उम्मीद है।
समीक्षा बैठक के दौरान, बैंकरों ने बताया कि पीएसबी ने देश में पुनर्भुगतान संस्कृति में सुधार देखा है।
पीएसबी ने अच्छा प्रदर्शन किया है और उन्हें विभिन्न नीतिगत उपायों द्वारा सहयोग किया गया, जिन्होंने अर्थव्यवस्था को महामारी के संकट से बाहर निकालने के लिए आवश्यक प्रोत्साहन प्रदान किया है।
* सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) का प्रदर्शन —
- पीएसबी ने वित्त वर्ष 2020-21 में 31,820 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ दर्ज किया, जो पिछले 5 वित्तीय वर्षों में सबसे अधिक है।
- वित्त वर्ष 2021-22 की पहली छमाही में 31,145 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ है, जो पूरे वित्त वर्ष 2020-21 के लाभ के लगभग बराबर है।
- पीएसबी ने पिछले 7 वित्तीय वर्षों के दौरान 5,49,327 करोड़ रुपये की वसूली की है।
- पीएसबी को पर्याप्त रूप से पूंजीकृत किया गया है और सितंबर 2021 को पीएसबी का सीआरएआर 14.4% था, जबकि नियामक आवश्यकता 11.5% (सीसीबी सहित) है।
- सितंबर 2021 को सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का सीईटी1 10.79% था, जबकि नियामक आवश्यकता 8% होती है।
- सितंबर 2021 की स्थिति के अनुसार सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने सालाना आधार पर व्यक्तिगत ऋणों में 11.3 प्रतिशत, कृषि ऋणों में 8.3% और समग्र ऋण वृद्धि में 3.5% की वृद्धि दर्ज की।
- अक्टूबर 2021 में शुरू किए गए क्रेडिट आउटरीच कार्यक्रम के तहत, पीएसबी ने कुल 61,268 करोड़ रुपये की ऋण राशि स्वीकृत की है।
- कोविड-19 महामारी के दौरान, पीएसबी ने विभिन्न सरकारी योजनाओं जैसे ईसीएलजीएस (कोविड-19 महामारी के बीच मई 2020 में एमएसएमई क्षेत्र को विशेष रूप से राहत प्रदान करने के लिए शुरू की गई), एलजीएससीएएस और पीएम स्वनिधि योजना में अच्छा प्रदर्शन किया है।
- सरकार द्वारा प्रदान की गई ईसीएलजीएस की 4.5 लाख करोड़ रुपये की विस्तारित सीमा में से, 64.4% या 2.9 लाख करोड़ रुपये, नवंबर 2021 तक स्वीकृत किया गया। ईसीएलजीएस के कारण 13.5 लाख से अधिक छोटी इकाइयां महामारी में बच गईं, 1.8 लाख करोड़ रुपये के एमएसएमई ऋण को गैर-निष्पादित परिसंपत्तियों में जाने से बचाया गया और लगभग छह करोड़ परिवारों की आजीविका बचाई गईं।
समग्र स्थिति के अपने आकलन में, बैंकरों ने विश्वास जताया कि पीएसबी में पर्याप्त पूंजी उपलब्ध हैं और बैंक भविष्य में किसी भी दबाव की स्थिति के लिए तैयार हैं।
वित्त मंत्री ने कोविड-19 महामारी की शुरुआत से ही देश को असाधारण रूप से सहयोग देने के लिए बैंकरों को धन्यवाद भी दिया। उन्होंने ईसीएलजीएस की सफलता का श्रेय बैंकिंग समुदाय के सामूहिक प्रयासों को दिया। श्रीमती सीतारमण ने बैंकिंग समुदाय से अपील की कि वे अपने कर्मचारियों और परिवारों की सुरक्षा के लिए कोविड-19 उपयुक्त व्यवहार का पालन करें और सभी का टीकाकरण सुनिश्चित करें।
बैंकरों को अपने संबोधन में, केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ. भागवत कराड ने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक हमारी अर्थव्यवस्था के पावर इंजन हैं और उन्होंने बैंकरों को महामारी के समय में उनके प्रदर्शन के लिए बधाई दी। डॉ. कराड ने कहा कि समय के साथ आगे बढ़ते हुए, बैंकिंग अधिक खुला और ग्राहक केंद्रित हो गया है।
इससे पहले समीक्षा बैठक की शुरुआत में, एसबीआई के अध्यक्ष ने वित्त मंत्री को बैंकिंग व्यवसाय के महामारी-पूर्व और वर्तमान परिदृश्य पर गहन प्रस्तुति दी। बाद में, विभिन्न सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के सीएमडी/एमडी ने भी बैंकिंग व्यवसाय के समग्र मूल्यांकन पर अपने विचार साझा किए और व्यवसाय के समग्र विकास के लिए विभिन्न सुझाव दिए।