Online News Portal for Daily Hindi News and Updates with weekly E-paper

केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने श्रीनगर में झेलम और तवी बाढ़ बहाली परियोजनाओं के अंतर्गत उप-परियोजनाओं सहित लगभग 165 करोड़ रुपये लागत के विकास कार्यों का उद्घाटन किया

51
Tour And Travels

केंद्रीय वित्त और कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने आज स्वास्थ्य, शिक्षा, शहरी बुनियादी ढांचे और आपदा प्रबंधन से संबंधित लगभग 130.49 करोड़ रुपये की राशि के कार्यों का उद्घाटन किया| श्रीमती सीतारमण ने जम्मू-कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश के दौरे के दौरान झेलम और तवी बाढ़ बहाली परियोजना (जेटीएफआरपी) के अंतर्गत कश्मीर के बडगाम में 34.88 करोड़ रुपये की लागत से बनाने वाले केंद्र शासित प्रदेश (यूटी) स्तर के आपातकालीन संचालन केंद्र और एससीएडाए नियंत्रण भवन की आधारशिला भी रखी।

image001HJ47 Hindi News Website

उप-परियोजनाएं झेलम और तवी बाढ़ बहाली परियोजना (जेटीएफआरपी) का हिस्सा हैं, जिसे विश्व बैंक से 250 मिलियन अमेरिकी डॉलर के ऋण द्वारा सहायता प्रदान की गई है। यह परियोजना सितंबर 2014 की विनाशकारी बाढ़ के बाद जम्मू-कश्मीर में शुरू की गई थी, जिसने अनंतनाग, श्रीनगर और आसपास के जिलों के निचले इलाकों को बुरी तरह प्रभावित किया था|  इस बाढ़ से आवास, आजीविका और सड़कों तथा पुलों को भारी नुकसान हुआ था। यह जम्मू-कश्मीर सरकार द्वारा 19.04.2016 की प्रभावी तिथि से जम्मू-कश्मीर के लिए माननीय प्रधानमंत्री के विकास पैकेज (पीएमडीपी) के हिस्से के रूप में कार्यान्वित किया जा रहा है। परियोजना का उद्देश्य बाढ़ से बाधित आवश्यक सेवाओं को बहाल करना और जल्दी उबरने के लिए डिजाइन मानक और प्रथाओं में सुधार करना है।

image003PSB0 Hindi News Website

जेटीएफआरपी के ऊंचे सामाजिक प्रभाव को जम्मू-कश्मीर सरकार द्वारा कोविड-19 महामारी के दौरान महसूस किया गया था, जिसमें परियोजना के तहत आकस्मिक आपातकालीन राहत घटक (सीईआरसी) को सक्रिय करके, कोविड-19 राहत और सहायता के लिए 50 मिलियन अमेरिकी डॉलर की राशि आवंटित और उपयोग की गई थी। महामारी से उत्पन्न चुनौतियों से निपटने के लिए स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देने के लिए 290 करोड़ रुपये की कुल लागत से चिकित्सा उपकरण और 75 करोड़ रुपये की लागत से 30 ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्र की खरीद की गई।

जम्मू-कश्मीर के कारीगरों की आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम के अंतर्गत पारंपरिक शिल्प को पुनर्जीवित करने और युवाओं को लाभकारी रोजगार के अवसर प्रदान करने के उद्देश्य से इस परियोजना के तहत कई कारीगर समूहों का विकास किया गया।

परियोजना की एक प्रमुख हालिया उपलब्धि, यूनेस्को के विश्व रचनात्मक शहरों के नेटवर्क की सूची में श्रीनगर शहर को शामिल करना है। शिल्प और लोक कला श्रेणी के अंतर्गत यूनेस्को रचनात्मक शहरों के नेटवर्क (यूसीसीएन) में शामिल होने के लिए श्रीनगर दुनिया भर के 49 शहरों में से एक बन गया, जो सभी भारतीयों के लिए गर्व का क्षण है।